भारत के टेलीकॉम सेक्टर में संविदा कर्मचारी का औसत वेतन बढ़कर 25,225 रुपए प्रति महीने हुआ - Punjab Kesari

भारत के टेलीकॉम सेक्टर में संविदा कर्मचारी का औसत वेतन बढ़कर 25,225 रुपए प्रति महीने हुआ

ग्रामीण इंटरनेट उपयोग में बढ़ोतरी से टेलीकॉम को फायदा

भारत के टेलीकॉम सेक्टर में संविदा कर्मचारियों का औसत वेतन वित्त वर्ष 2025 में 25,225 रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2022 में 24,609 रुपए था। टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान संविदा भूमिकाओं में वृद्धि दर धीमी रही, लेकिन युवा प्रतिभाओं में निवेश जारी है।

भारत के टेलीकॉम सेक्टर में संविदा कर्मचारी का औसत मासिक वेतन बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 25,225 रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 22 में 24,609 रुपए पर था। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

टीमलीज सर्विसेज के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री ने 2025 में संविदा कर्मचारी विस्तार में नरमी का अनुभव किया है, जबकि अपनी परिचालन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए युवा प्रतिभाओं में निवेश जारी रखा है।

आंकड़ों के मुताबिक, 18 से 32 वर्ष आयु समूह के पेशेवर अभी भी संविदा कार्यबल का महत्वपूर्ण हिस्सा बने हुए हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि असोसिएट स्तर पर संविदा भूमिकाओं में वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि दर घटकर 11.9 प्रतिशत पर रही है।

हालांकि, समीक्षा अवधि के दौरान नौकरी छोड़ने की दर लगभग समान रही है, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 में 50.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2021-22 में 50.8 प्रतिशत थी।

टीमलीज सर्विसेज के सीईओ-स्टाफिंग कार्तिक नारायण ने कहा, “यह डेटा टेलीकॉम सेक्टर की कार्यबल रणनीति में लगातार बदलाव को दर्शाता है। हालांकि, भर्ती की वॉल्यूम में वृद्धि हो रही है और युवा, शिक्षित पेशेवरों को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है जो डायनामिक, कस्टमर फेसिंग और टेक्निकल रोल के लिए उपयुक्त हैं।”

कर्मचारियों के कार्यकाल विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश संविदा कर्मचारी अपने करियर के प्रारंभिक चरण में हैं और 60 प्रतिशत से अधिक के पास दो वर्ष से कम का अनुभव है।

रिपोर्ट में बताया गया कि आयु और योग्यता के एनालिसिस से पता लगता है कि सेक्टर अभी भी एंट्री-स्तर की नौकरियों पर भरोसा करता है।

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट को अपनाने की दर में बढ़ोतरी होने और ग्रामीण सब्सक्राइबर्स की ओर से डेटा की खपत बढ़ने के कारण भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के प्रति यूजर औसत आय (एआरपीयू) में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त चार कैलेंडर वर्षों में ग्रामीण भारत में इंटरनेट की पहुंच 59 प्रतिशत से बढ़कर 78 प्रतिशत हो गई है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 77 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है।

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