दिल्ली पुलिस ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाला चलाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने डिजिटल गिरफ्तारी घोटाला चलाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
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Delhi NCR: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने "डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी" के सिलसिले में नकली/फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराने, संभालने और इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार मॉड्यूल में उनकी कथित संलिप्तता के लिए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

डिजिटल गिरफ्तारी घोटाला गिरोह का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने एक बड़े फेक डिजिटल अरेस्ट स्कैम का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिन्होंने आईवीआर फ्रॉड के जरिए 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। आरोपी कथित तौर पर अपने अपराधों की आय को विदेश में खपाने के लिए फर्जी कंपनियों का संचालन कर रहे थे।

पुलिस ने 3 आरोपियों को कियी गिरफ्तार

बता दें, 12 सितंबर, 2024 को आईएफएसओ, स्पेशल सेल में एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि 9 सितंबर, 2024 की सुबह उसे एक फोन आया जिसमें किसी ने मुंबई एयरपोर्ट, टर्मिनल 2 के कस्टम ऑफिस में अधिकारी होने का दावा किया। उसकी पहचान की पुष्टि करने के बाद, कॉल करने वाले ने उसे बताया कि कस्टम अधिकारियों ने 6 सितंबर, 2024 को एक पार्सल को रोका था, जिसमें 16 नकली पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड और 40 ग्राम एमडीएमए था, जिसमें प्रेषक के रूप में उसका विवरण सूचीबद्ध था। कॉल करने वाले ने आगे दावा किया कि मुंबई पुलिस ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, और उसे आत्मसमर्पण करना होगा।

55 लाख रुपये की ठगी की गई

जालसाजों ने यह दावा करके धमकी को और बढ़ा दिया कि सीबीआई जांच चल रही है और उसकी गिरफ्तारी आसन्न है। शारीरिक गिरफ्तारी की पेंडेंसी तक, उसे व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए लगातार निगरानी रखते हुए "डिजिटल गिरफ्तारी" के तहत रखा गया था। इन कॉलों के दौरान, मुंबई पुलिस, सीबीआई और विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत होने वाले विभिन्न व्यक्तियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से बचने के लिए उसके खातों को सत्यापित करने के बहाने उस पर धन हस्तांतरित करने का दबाव डाला। कुल मिलाकर, उसके साथ 55 लाख रुपये की ठगी की गई।

मामला दर्ज कर जांच में जुटि पुलिस

शिकायत प्राप्त होने पर धारा 318(4)/308(2)/61(2)(4)/3(5) बीएनएस और 66सी/66डी आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। संदिग्धों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों और बैंक खातों के विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से, जांचकर्ताओं ने एक फर्जी कंपनी, कैमेलिया सर्विसेज अपार्टमेंट एलएलपी के मालिकों की पहचान की। मोबाइल और तकनीकी निगरानी की सहायता से पुलिस ने तीन व्यक्तियों का पता लगाया और उन्हें बुराड़ी से गिरफ्तार किया।

(Input From ANI)

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