SC ने कहा-सोशल मीडिया चैनल माहौल को कर सकते हैं बहुत ज्यादा ध्रुवीकृत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि कई बार सोशल मीडिया चैनल खतरनाक हो जाते हैं और वे बेहद ध्रुवीकृत वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।
SC ने कहा-सोशल मीडिया चैनल माहौल को कर सकते हैं बहुत ज्यादा ध्रुवीकृत
Published on
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शाहीन बाग में हुए विरोध प्रदर्शन में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर महत्वपूर्ण अवलोकन किया। न्यायधीश संजय किशन कौल, अनिरुद्ध बोस और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की क्षमता तेजी से बढ़ रही है, इसके कारण कई बार बिना नेतृत्व के भी आंदोलनों को सशक्त बनाया जा सकता है। 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि कई बार सोशल मीडिया चैनल खतरनाक हो जाते हैं और वे बेहद ध्रुवीकृत वातावरण का निर्माण कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में इन दोनों तरह के परिदृश्यों को देखा गया। एक ओर इसके जरिए अपने मुद्दे के लिए महिलाएं एकजुट हुईं और आंदोलन ने गति पकड़ी लेकिन दूसरी ओर इसके कारण यात्रियों को असुविधा हुई। 
पीठ ने कहा कि इंटरनेट के युग में डिजिटल कनेक्टिविटी ने दुनिया भर में सामाजिक आंदोलनों को एकीकृत किया है। अदालत ने कहा, हालांकि टेक्नॉलॉजी ने आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए ईंधन दिया है और साथ ही साथ कई कमजोरियां भी लाईं हैं। सार्वजनिक रास्ते को रोकने वाले शाहीन बाग के विरोध का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने में कोई संकोच नहीं है कि सार्वजनिक तरीकों से इस तरह के कब्जे स्वीकार्य नहीं है और प्रशासन को ऐसे अतिक्रमण को रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। 
स्थिति का प्रबंधन सही तरीके से न करने पर प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए पीठ ने कहा कि उन्हें अपने प्रशासनिक कार्यों को करने के लिए ना तो उन्हें अदालत के आदेशों के पीछे छिपना चाहिए और न सपोर्ट मांगना चाहिए।  कोर्ट ने मामले में वातार्कारों द्वारा निभाई गई भूमिका की भी तारीफ की। 

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com