योगी सरकार ने 50 दिनों में चिन्हित 50 माफिया एवं उनके गैंग के सदस्यों के कब्जे से 594 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति मुक्त कराई गई है। माफिया के खिलाफ अभियान के अलावा योगी सरकार ने कानून व्यवस्था के मोर्चे पर और सख्ती का संदेश देने के लिए कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है। इस तरह वन, खनन, शराब, पशु तस्करी एवं भूमि पर अवैध धंधे में लिप्त लोगों को चिन्हित कर गैंगस्टर एक्ट के तहत अब 513 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने जो प्लान पेश किया था, उसके मुताबिक अगले 2 वर्षों में इन माफिया की 1200 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त की जाएगी। अगले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार अपराध के खिलाफ सख्ती को लेकर अपनी छवि और मजबूत बनाना चाहती है। बाबा के बुल्डोजर ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी और फिर बाबा का बुल्डोजर बाहुबली होता गया। बुल्डोजर की लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि दूसरे राज्य भी इसी बुल्डोजर स्टाइल को अपना रहे हैं। अब सवाल यह है कि बुल्डोजर फार्मूला हिट क्यों है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज भी बुल्डोजर बाबा की राह पर आ गए हैं। मध्य प्रदेश के बाद बिहार और अन्य राज्य भी बुुल्डोजर फार्मूला अपनाने लगे हैं। दरअसल यूपी विधानसभा के चुनावी रण में कानून व्यवस्था एक अहम मुद्दा रहा। योगी सरकार ने लगातार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर पिछली सरकारों को कठघरे में खड़ा किया था। योगी सरकार की पहली अवधि के दौरान गुंडों, माफियाओं को बुल्डोजर चला कर सख्त संदेश दिया गया था। कानून व्यवस्था एक ऐसा मुद्दा है जो जनता को सीधे कनैक्ट करता है। कानून व्यवस्था एक ऐसा मुद्दा है जो हर चुनाव में चलता है। चाहे पंचायत चुनाव हों, विधानसभा चुनाव हों या लोकसभा चुनाव। कानून व्यवस्था के मामले पर जनता कोई समझैता नहीं करना चाहती, वो जब ईवीएम का बटन दबाती है तो सुरक्षा का सवाल उसके जहन में जरूर आता है। यहीं से बुल्डोजर को बल मिला है और वह सूबे-सूबे में चल पड़ा है। ऐसा नहीं है कि बाबा का बुल्डोजर किसी धर्म, जाति, पंथ के खिलाफ निशाना बनाकर चलाया जा रहा है। प्रशासन का बुल्डोजर उस भूमाफिया के खिलाफ चल रहा है जो सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाला हो फिर वह हिन्दू हो या मुसलमान इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सारी मुहिम पर नजर रखे हुए हैं और उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि वह किसी गरीब की झोपड़ी पर, गरीब की दुकान पर कार्रवाई न करें, उनकी रोजी-रोटी चलने दें। बुल्डोजर अभियान इसलिए भी सफल है कि किसी गरीब का उत्पीड़न नहीं किया जा रहा।