पिछले वर्ष नवम्बर में माइक्रोसाफ्ट ने भारत, कनाडा, फ्रांस और अमेरिका सहित कई देशों की कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को साइबर हमले में निशाना बनाए जाने की बात कही थी। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और भारत सहित कई देश साइबर वार से त्रस्त हैं। भारत पर साइबर हमले कोई नए नहीं हैं। चीनी हैकरों ने पहले भी महत्वपूर्ण मंत्रालयों को निशाना बनाया है। इन हमलों का उद्देश्य संवेदनशील जानकारियां हासिल करना होता है। चीन हैकरों का स्वर्ग है। रूस और पूर्वी यूरोप के देशों की तरह हैकिंग भारी मुनाफा देने वाला खेल बन चुका है। अगला युद्ध साइबर युद्ध होगा क्योंकि अगर आप दुश्मन के नेटवर्क को भेदने और उसे अपने ढंग से चलाने में सक्षम हैं तो बाजी आपके हाथों में होगी। रूस और इस्टोनिया में कुछ वर्ष पहले जब विश्व युद्ध मैमोरियल को लेकर मतभेद हो गए थे तो रूस के सरकारी और गैर सरकारी साइबर योद्धाओं ने पहल कदमी करते हुए इस्टोनिया के इंटरनेट नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया था।