कितना बड़ा अनर्थ है कि भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, महावीर बुद्ध, गुरु नानक देव, रामकृष्ण परमहंस तथा स्वामी दयानंद के धर्मपरायण देश में गाय-बैलों की हत्या कर दी जाती है। गौ मांस का निर्यात बड़ा व्यापार बन गया। गाय के दूध की उपयोगिता के फायदे बहुत पहले ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रमाणित माने गए हैं। 16वीं सदी में जब बाबर ने यहां अपना साम्राज्य स्थापित किया था तो गौ हत्या पर प्रतिबंध लगा कर अपने पुत्र हुमायूं को गद्दी सौंपने से पहले सलाह दी थी कि अगर भारत में शासन करना चाहते हो तो िहन्दुओं के िलए पवित्र गाय की किसी भी कीमत पर कुर्बानी मत देना। गौमांस खाने पर पूर्ण प्रतिबंध और गौकशी पर पूरी पाबंदी रखना। इसके बाद मुगल बादशाह हुमायूं, अकबर, शाहजहां इसका पालन करते रहे। हालांकि इस मामले में उन्होंने कई मौकों पर छूट भी देना जारी रखा। गौ हत्या का सिलसिला औरंगजेब के शासन में शुरू हुआ और उसने हिन्दू मान्यताओं के साथ जमकर खून की होली खेली थी।