इसमें कोई शक नहीं कि आज खानपान को लेकर दिल्ली और एनसीआर में अनेकों कंपनियों ने फूड सप्लाई की चैन बनाकर रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध कराये हैं। गलियों, मौहल्लों या कॉलोनियों में अकसर कई खाने की कंपनियों के डिलीवरी ब्वाय समय पर फूड अपने ग्राहकों को पहुंचाने के लिए काफी तेजी और चुस्ती दिखाते हैं। अपने काम में चुस्ती दिखानी भी चाहिए लेकिन दूसरों की भूख शांत करने वाले डिलीवरी ब्वाय अपने परिवार का पेट भरने के लिए कई बार ड्यूटी के दौरान जब सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं तो बहुत दु:ख होता है। दो दिन पहले गुरुग्राम में चार डिलीवरी ब्वाय को एक तेज रफ्तार कार ने इतनी तेजी से टक्कर मानी की चारों की मौत हो गई। हादसा गुरुग्राम के पॉश ऐरिया गोल्फ कोर्ट में हुआ था। ड्राइवर को पकड़ भी लिया गया लेकिन चारों डिलीवरी ब्वाय काल का ग्रास बन गये। एक-एक ग्रास लोगों तक सुरक्षित पहुंचाने वाले डिलीवरी ब्वाय की मौत से एक नया सवाल खड़ा हो गया है और तेज रफ्तार से गाड़ियां भगाने वालों के लिए क्या व्यवस्था है? इस सवाल का जवाब किससे लें?