कोरोना काल में भारत ने मालदीव को वैक्सीन देकर 'पड़ोसी पहले' का उदाहरण स्थापित किया। पाकिस्तान नहीं चाहता था कि भारत अपने दोस्त को अध्यक्ष पद दिलाये। मालदीव पूरी तरह से अकेला था लेकिन भारत के समर्थन के बाद सारी दुनिया के देश मालदीव के समर्थन में उतर आए। भारत और मालदीव के बीच संबंध बहुत लम्बे अर्से से काफी घनिष्ठ रहे हैं और हिन्द महासागर में मालदीव भारत का रणनीतिक साझेदार भी है। मालदीव काे चीन की नीतियों का अहसास हो चुका है। चीन पहले पड़ोसियों की सहायता करता है, वहां निवेश करता है, परियोजनाएं शुरू करता है, फिर वहां की जमीन हथिया लेता है, जैसा कि उसने श्रीलंका को ऋण के जाल में फंसा कर किया है। मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के कार्यकाल में भारत-मालदीव संंबंध पटरी पर आ चुके हैं। मालदीव के साथ बेहतर संबंध बनाना ही भारत के पक्ष में है। भारत यही चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा की कार्यवाही निष्पक्ष तरीके से चले।