भारत ब्रिक्स (भारत, रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका व चीन) संगठन का सदस्य होने से लेकर 'शंघाई सहयोग संगठन' का भी महत्वपूर्ण सदस्य है। इसका सीधा अर्थ यही निकलता है कि विश्व राजनीति में भारत की महत्ता में आधारभूत बदलाव आ चुका है। रूस के साथ भारत के सैनिक सम्बन्ध व सहयोग एक एेसा दस्तावेज माने जाते हैं जो हर दौर में लगातार तरोताजा होकर दोनों देशों के बीच सम्बन्धों को हमेशा पुख्ता बनाये रखते हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच के आर्थिक सम्बन्ध भी पिछले 75 सालों से सदा मजबूत रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि रूस बदली विश्व परिस्थितियों में भारत को एक महत्वपूर्ण शक्ति मानता है जिसका प्रमाण रूसी राष्ट्रपति श्री पुतिन ने हाल ही में यह कह कर दिया कि प्रधानमन्त्री श्री मोदी सच्चे राष्ट्रभक्त हैं और भारत के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसका कूटनीतिक अर्थ यही है कि रूस की नजर में भारत की अहमियत किसी अन्य देश के मुकाबले कम नहीं है। श्री जयशंकर की रूस यात्रा इसी पृष्ठभूमि में हो रही है जिसका अर्थ है कि दोनों देशों के बीच की दोस्ती में पुनः नया आयाम जुड़ सकता है।