महाराष्ट्र की राजनीति का आज अंतिम पटाक्षेप मुख्यमन्त्री एकनाथ शिन्दे द्वारा विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने के साथ ही हो गया। श्री शिन्दे की शिवसेना व भाजपा की सरकार को 287 सदस्यीय विधानसभा में 164 मत मिले जबकि विपक्ष में केवल 99 वोट ही आये। इससे पूर्व कल हुए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी लगभग यही स्थिति रही थी जिससे भाजपा के प्रत्याशी राहुल नार्वेकर को अध्यक्ष पद संभालने में कोई दिक्कत नहीं हुई थी। इससे यह तो पता चलता ही है कि राज्यपाल श्री होशियार सिंह कोशियारी का शिन्दे को सरकार बनाने की दावत देना गलत नहीं था क्योंकि राज्य में अब एक स्थिर सरकार है। मगर महाराष्ट्र की राजनीति के पहले चरण का ही यह पटाक्षेप माना जायेगा क्योंकि अगले चरण में पूर्व मुख्यमन्त्री उद्धव ठाकरे व शिन्दे की शिवसेनाओं के बीच कानूनी व विधानमंडलीय लड़ाई का नया दौर शुरू होगा। जैसी कि उम्मीद थी, अध्यक्ष पद पर बैठते ही श्री नार्वेकर ने श्री शिन्दे के गुट के 39 शिवसेना विधायकों के दल को ही असली शिवसेना मानते हुए ठाकरे के समर्थन में खड़े 16 विधायकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। जिन्होंने शिन्दे गुट के मुख्य सचेतक के निर्देश की अवहेलना करते हुए अध्यक्ष चुनाव व शक्ति परीक्षण में विपक्ष के पक्ष में मतदान किया था।