हम सब देख रहे हैं यह कलियुग है, रिश्ते-नाते सब बेकार हो रहे हैं, मर्यादाएं भंग हो रही हैं, रिश्तों की अहमियत समाप्त हो रही है। बेटी पैदा होते ही असुरक्षित है। छोटी बच्चियों से बलात्कार, बूढ़ी औरतों से रेप, क्या नहीं हो रहा परन्तु कोई भगवान की जिसमें सबको आस्था हो सब आदर्श मान कर पूजा करते हैं, उसे बदनाम करना, उसके खिलाफ टिप्पणी कर अभद्र भाषा प्रयोग करना और वह भी वह व्यक्ति जो लोगों द्वारा चुना गया हो। लोगों के हितों को क्या देखेगा। मुझे तो लगता है वो तो अपने घर की बहू-बेटियों को भी बदनाम कर सकता है, जो सीता मां को बदनाम कर सकता है। ऐसे व्यक्ति पर एक्शन या सोशल बायकाट बनता है और उसे अपने पद से इस्तीफा तो जरूर देना चाहिए।