नगालैंड के मोन जिले में एक के बाद एक गोलीबारी के मामले को लेकर सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह संसद के दोनों सदनों में बयान दे सकते हैं। उक्त घटना में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 आम नागरिक मारे गए थे।संसदीय सूत्रों ने बताया कि शाह पहले लोकसभा में और फिर राज्यसभा में बयान दे सकते हैं।
तीन घटनाओं में 14 लोगों की हुई थी मौत
असम पुलिस ने रविवार को कहा कि नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों द्वारा गोलीबारी की लगातार तीन घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक गोलीबारी की पहली घटना संभवतः गलत पहचाने जाने का मामला था।
जानिए क्या है मामला
गोलीबारी की पहली घटना तब हुई जब शनिवार शाम कुछ कोयला खदान कर्मी एक पिकअप वैन में सवार होकर गाना गाते हुए घर लौट रहे थे। सेना के जवानों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिली थी और इसी गलतफहमी में इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर कथित रूप से गोलीबारी की।
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में निकले तथा इन लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की व झड़प में एक सैनिक मारा गया और सेना के वाहनों में आग लगा दी गई।