केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- लॉकडाउन की अवधि का उपयोग देश में मेडिकल बुनियादी ढांचा बढ़ाने के लिए किया गया

मंत्रालय ने कहा, ‘‘आज की तारीख तक कोविड-19 के 45,299 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं, जिससे देश में इस रोग से उबरने की दर 40.32 प्रतिशत हो गई है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- लॉकडाउन की अवधि का उपयोग देश में मेडिकल बुनियादी ढांचा बढ़ाने के लिए किया गया
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि लॉकडाउन की अवधि का उपयोग देश में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में किया गया। कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये देश में करीब 3,027 विशेष अस्पताल और 7,013 देखभाल केंद्र तैयार किये गये। अत्यधिक संक्रामक रोग से निपटने की देश की तैयारियों पर मीडिया की कुछ खबरों में सवाल उठाये जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कहा। मंत्रालय ने कहा, ''लॉकडाउन लागू करने के बारे में और कोविड-19 प्रबंधन के प्रति प्रतिक्रिया के बारे में सरकार के कुछ फैसलों को लेकर मीडिया के एक हिस्से ने खबरें प्रकाशित/प्रसारित की। जबकि लॉकडाउन की अवधि का उपयोग देश में स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में किया गया।''
मंत्रालय ने कहा, ''आज की तारीख तक कोविड-19 के 45,299 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं, जिससे देश में इस रोग से उबरने की दर 40.32 प्रतिशत हो गई है।''मंत्रालय ने कहा कि 2.81 लाख से अधिक आइसोलेशन बेड, 31,250 आईसीयू बिस्तर और 1,09,888 ऑक्सीजन आपूर्ति सुविधा से लैस बिस्तरों की कोविड-19 से निपटने के लिये विशेष अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था की गई है। साथ ही, 6,50,930 आइसोलेशन बेड कोविड-19 देखभाल केंद्रों में तैयार रखे गये हैं। मंत्रालय ने कहा कि कुल 26,15,920 नमूनों की अब तक जांच हो चुकी है और पिछले 24 घंटों में 1,03,532 नमूनों की जांच की गई। देश में 555 प्रयोगशालाएं में कोविड-19 नमूनों की जांच की जा रही है जिनमें 391 सरकारी और 164 निजी प्रयोगशालाएं शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के साथ समन्वय कर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित राज्य के स्वास्थ्य विभागों एवं मुख्य हितधारकों के सहयोग से समुदाय आधारित सेरो-सर्वेक्षण कर रही है, ताकि भारत की आबादी में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार का आकलन लगाया जा सके। केंद्र सरकार ने 65.0 लाख व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और 101.07 लाख एन 95 मास्क राज्यों को आपूर्ति की है। 
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''करीब तीन-तीन लाख पीपीई और एन 95 मास्क का प्रतिदिन घरेलू उत्पादक विनिर्माण कर रहे हैं। इससे पहले देश में इनका उत्पादन नहीं होता था।''इसके अलावा सरकार कोविड-19 से निपटने के लिये सभी स्तरों पर महामारी विशेषज्ञों से परामर्श ले रही है और उन्हें सक्रियता से इस कार्य में शामिल कर रही है। बयान में कहा गया है कि आईसीएमआर द्वारा गठित कोविड-19 के लिये राष्ट्रीय कार्य बल ने मध्य मार्च से 20 बैठकें की हैं और महामारी के प्रति वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रतिक्रिया में प्रभावी रूप से योगदान दिया है।
मंत्रालय ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च ने आईआईएससी बेंगलुरु के सहयोग से कोविड-19 का एक अनुमान मॉडल विकसित किया है जो इस रोग के विकासक्रम के बारे में लघु अवधि के अनुमान मुहैया करता है। बयान में कहा गया है कि प्रवासी श्रमिकों, फेरीवालों, शहरी गरीबों, छोटे कारोबारियों, स्वरोजगार लोगों, सीमांत किसानों आदि की मुश्किलों को दूर करने के लिये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित कई नीतिगत घोषणाएं भी की गई हैं। देश में पिछले 24 घंटे में 132 मरीजों की मौत हुई है जबकि संक्रमण के 5,609 नये मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही, कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़ कर 3,435 हो गई है, जबकि अब तक कुल 1,12,359 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।

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