मुख्यमंत्री ने आगे कहा, '' मानव जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन की है उतनी ही आवश्यकता ऊर्जा की भी है। ऊर्जा की खपत और उत्पादन को लेकर सरकारें हमेशा से नीति बनाती रही हैं। हमारी सरकार पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर विशेष फोकस कर रही है। जिस गति से राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करना प्रारंभ किया है, वह दिन दूर नहीं जब झारखंड ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सक्षम और आत्मनिर्भर बनेगा।''मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम सौर ऊर्जा नीति को सिर्फ शहर में ही नहीं बल्कि गांवों में भी पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल-सिंचाई से लेकर घरेलू दिनचर्या में भी इस योजना का लाभ लोगों को मिले– इस सोच के साथ कार्य योजना बनाकर हम आगे बढ़ रहे हैं।