अधिकारियों ने कहा, मामला विभिन्न व्यापारियों द्वारा अवैध रूप से खनन किए गए लौह अयस्क के व्यापार से जुड़ा है। पीएमएलए के तहत जांच के दौरान यह देखा गया है कि बिना वैध परमिट के अवैध रूप से लौह अयस्क का खनन, परिवहन और व्यापार किया गया है, जिससे राजकोष को नुकसान हुआ है। यह भी देखा गया है कि इस तरह के अवैध लौह अयस्क का स्रोत एसबी मिनरल्स के स्वामित्व वाली दो खदानें हैं जिनमें भागीदार हैं- बीपी आनंद कुमार, पांडुरंगा सिंह और गोपाल सिंह, एक खदान शांथलक्ष्मी और जे मिथिलेश्वर की और एक खदान भारत माइंस के स्वामित्व वाली है और मिनरल्स के साझेदार बीएमएम इस्पात लिमिटेड और दिनेश कुमार सिंघी हैं।