उन्होंने कहा, ''मैंने अपने आदिवासी भाई-बहनों की पीड़ा को राजेंद्र राठौड़ के सामने रखा। अपनों से अपनी बात नहीं कहता तो फिर किस से कहता? कोई कितनी भी कोशिश कर ले, मेरे और मेरे भाई राजेंद्र राठौड़ के बीच कोई मतभेद नहीं है, मनभेद होने का तो प्रश्न ही पैदा नहीं होता।''