उज्ज्वला योजना
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MP: उज्ज्वला योजना से जबलपुर की महिलाओं को राहत, पीएम मोदी का जताया आभार

प्रधानमंत्री की योजना से जबलपुर में धुएं की समस्याओं का अंत
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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने जबलपुर की महिलाओं को कोयले और लकड़ी के चूल्हे से निजात दिलाकर गैस सिलेंडर की सुविधा प्रदान की है। राम बाई रजक ने बताया कि इस योजना से सांस की समस्याएं कम हुई हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आभार व्यक्त किया है। योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की जीवनशैली को सुधारना है।

केंद्र सरकार की तरफ से आम जनमानस को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' इन्हीं में से एक है, जिसका लाभ मध्य प्रदेश के जबलपुर के निवासियों को भी मिल रहा है। उज्ज्वला योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इसका उद्देश्य दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की निर्भरता खाना बनाने के लिए कोयले और लकड़ी का उपयोग कम करना और उनके घरों में गैस सिलेंडर की पहुंच बढ़ाना है। जबलपुर कैंट विधानसभा रांझी तलैया क्षेत्र में रहने वाली लाभार्थी राम बाई रजक ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि वह शादी के बाद से यहां अपने ससुराल में रह रही हैं। ससुराल में पहले लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाया जाता था, जिसमें धुएं से उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हम महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना प्रारंभ की गई है। इसकी जानकारी क्षेत्रीय विधायक अशोक रोहाणी के कार्यालय से उनके कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई और इस योजना का लाभ मिला। अब धुएं से निजात मिली है। पहले धुएं से सांस की समस्याएं थीं, जो अब नहीं हो रही हैं। पीएम मोदी को इसके लिए तहे दिल से धन्यवाद।"

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उज्ज्वला योजना

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में की थी। इस योजना का मकसद आम लोगों तक गैस ईंधन की पहुंच को बढ़ाकर लकड़ी के चूल्हे से होने वाली परेशानियों को खत्म करना था।

इस योजना का लाभ सीधे गरीब परिवारों की महिलाओं को मिलता है। इससे न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि धुएं से होने वाली सांस और आंखों की बीमारी से भी उन्हें बचाने में बहुत मदद मिली है।

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