राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने इस पूरे मामले में तमिलनाडु और बिहार सरकार के मुख्य सचिवों और चेन्नई के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले में 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि पुलिस ने कथित तौर पर त्वरित कार्रवाई की है और अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन मामला संगीन और गंभीर प्रकृति का है, जिसके लिए कानून प्रवर्तन और बाल कल्याण एजेंसियों द्वारा गहन जांच की जरूरत है, ताकि यह देखा जा सके कि क्या ऐसी अन्य जगहें भी हैं, जहां मासूम बच्चों को देश के दूसरे हिस्सों से लाया जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न किया जा रहा है।