असम के दरांग में अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रथम दृष्टया मानवाधिकार उल्लंघन हुआ: AHRC

असम मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) ने कहा कि दरांग जिले के गोरुखुटी में हाल में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन हुआ।
असम के दरांग में अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रथम दृष्टया मानवाधिकार उल्लंघन हुआ: AHRC
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उत्तर-पूर्व के असम में वैसे तो कई आंदोलन चल रहे है, लेकिन एक घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। असम मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) ने कहा कि दरांग जिले के गोरुखुटी में हाल में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन हुआ। बहरहाल जांच के लिए मामले पर संज्ञान लेने से पहले समिति ने राज्य के गृह विभाग से यह बताने के लिए कहा कि क्या घटनाओं की जांच के लिए कोई जांच आयोग गठित किया गया है।
विपक्ष ने की मानवाधिकार आयोग से शिकायत:
विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया की शिकायत पर गौर करते हुए आयोग ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा, ''उपरोक्त पत्र को पढ़ने के बाद जांच के लिए मामले पर संज्ञान लेने के लिए प्रथम दृष्टया मानवाधिकार उल्लंघन होने का मामला दिखायी देता है।''
इसमें कहा गया है, ''संज्ञान लेने से पहले गृह विभाग से यह पूछना उचित होगा कि क्या दरांग जिले में धोलपुर के गोरुखुटी में हाल में हुई घटना की जांच के लिए जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत कोई आयोग गठित किया गया है।''
एएचआरसी ने दिया निर्देश:
एएचआरसी ने गृह विभाग से 21 दिनों के भीतर उसे उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा। साथ ही उसने कहा कि इस जवाब के आधार पर ही आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। सैकिया ने 24 सितंबर को शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि 21 और 23 सितंबर को अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन हुए। इस अभियान के दौरान पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गयी थी जिसमें 12 साल का लड़का भी शामिल है।

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