पहले भी पार्टी को बनाया है फिर से हम मजबूत होंगे : शरद पवार

महाराष्ट्र की राजनीति में रोज नए भूचाल आ रहे पहले शिव सेना और अब एनसीपी के नेताओं ने विपक्ष की ओर से पक्ष की ओर पाला बदल लिया।एनसीपी नेता ने पहले अपने निवास पर विधायकों संग बैठक की
पहले भी पार्टी को बनाया है फिर से हम मजबूत होंगे : शरद पवार
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महाराष्ट्र की राजनीति में रोज नए भूचाल आ रहे पहले शिव सेना और अब एनसीपी के नेताओं  ने विपक्ष की ओर से पक्ष की ओर पाला बदल लिया।एनसीपी नेता ने पहले अपने निवास पर विधायकों संग बैठक की और कुछ समय बाद खबर आती है एनसीपी नेताओं ने भाजपा को समर्थन देते हुए सत्ता में पद धारण किये। जिसके बाद देश की राजनीतिक गलियारो मे अब चर्चा जोरो से है क्या ये जो हुआ सब सही या गलत।अब शिव सेना की तरह एनसीपी नेता अजित पवार ने पार्टी पर अपनी दावेदारी ठोक दी। अब पक्ष – विपक्ष के नेताओ ने प्रतिक्रिया आने लगी है।
पार्टी छोड़ने वालों के भविष्य को लेकर चिंतित
अजीत पवार और कुछ अन्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के कुछ घंटों बाद, पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा, यह 'गुगली' नहीं है, यह एक डकैती है" और वह पार्टी छोड़ने वालों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।पवार ने कहा कि जो कुछ हुआ उसे लेकर वह चिंतित नहीं हैं और पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए काम करेंगे। शरद पवार ने कहा कि जो लोग शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हुए उनमें से कुछ ईडी मामलों का सामना कर रहे हैं। अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आठ अन्य एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली।  
कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर चिंतन होगा 
शरद पवार ने कहा, "यह 'गुगली' नहीं है, यह डकैती है। यह छोटी बात नहीं है। मेरे कुछ सहयोगियों ने अलग रुख अपनाया है। मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उस बैठक से पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है।   शरद पवार ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में वे कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठकर स्थिति का आकलन करेंगे। हमारी मुख्य ताकत आम लोग हैं, उन्होंने हमें चुना है। 
सहयोगियों के शपथ लेने पर ख़ुशी जताई 
कथित सिंचाई घोटाले से संबंधित आरोपों का सामना करने वाले अजीत पवार का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए, पवार ने भाजपा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "यह स्पष्ट है कि सभी आरोप बरी हो गए हैं।दो दिन पहले पीएम ने एनसीपी के बारे में कहा था। उन्होंने अपने बयान में दो बातें कही थीं कि एनसीपी एक समाप्त पार्टी है। उन्होंने सिंचाई शिकायत और भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया था। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ सहयोगियों ने शपथ ली है। से इससे (एनडीए सरकार में शामिल होने से) यह स्पष्ट है कि सभी आरोप मुक्त हो गए हैं। मैं उनका आभारी हूं।
शरद पवार ने कहा कि उन्होंने पहले भी विभाजनों से निपटा है और पार्टी का कायाकल्प किया है।
पुराने अनुभव का जिक्र किया 
उन्होंने कहा, यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या बल मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा, वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य विपक्षी नेताओं से फोन आ रहे हैं। मुझे बहुत से लोगों के फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ, उससे मैं चिंतित नहीं हूं। कल मैं वाईबी चव्हाण का आशीर्वाद लूंगा।
पार्टी को फिर सेब मजबूत करेंगे 
उन्होंने कहा कि बागी नेताओं के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने के लिए वरिष्ठ नेता बैठेंगे। हम पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए काम करेंगे। बागी नेताओं के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के बारे में फैसला करने के लिए विधायक और सभी वरिष्ठ नेता एक साथ बैठेंगे। अध्यक्ष होने के नाते, मैंने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को नियुक्त किया था। 
यह मुद्दा मेरे घर का नहीं है यह लोगों का मुद्दा
लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया। इसलिए, मुझे उनके खिलाफ कुछ कार्रवाई करनी होगी । मैं कभी नहीं कहूंगा कि मेरा घर बंट गया है  यह मुद्दा मेरे घर का नहीं है, यह लोगों का मुद्दा है। जो लोग चले गए उनके भविष्य को लेकर मैं चिंतित हूं। मैं इसका श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं। दो कुछ दिन पहले उन्होंने बयान दिया था और उस बयान के बाद कुछ लोग असहज महसूस करने लगे थे, उनमें से कुछ को ईडी की कार्रवाई का सामना भी करना पड़ रहा था।  

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