नई दिल्ली : दूरसंचार के मामले में भारत दुनिया में निवेश का बड़ा ठिकाना है और भारत के दूरसंचार क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र (टेलीकॉम) की कंपनियां स्पेक्ट्रम नीलामी का लाभ उठा सकती है। यह कहना है दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश का। अंशु प्रकाश ने एक साक्षात्कार में कहा, दूरसंचार क्षेत्र के ठिकाने (निवेश) के तौर पर भारत शीर्ष श्रेणी में है। दूरसंचार सचिव का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में वोडाफोन ग्रुप का बयान सुर्खियों में रहा जिसमें उसने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में राहत नहीं मिलने पर वह भारत को अलविदा करने की बात कही थी।
एजीआर बकाया पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वोडाफोन ग्रुप के सीईओ निक रीड ने नवंबर में दूरसंचार क्षेत्र के संकट का जिक्र किया था, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया। वहीं, वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन के. एम. बिरला ने भी नवंबर में कहा कि पर्याप्त राहत के बगैर टेलीकॉम कंपनी को कारोबार बंद करना पड़ेगा।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि सरकार दूरसंचार के क्षेत्र में एकाधिकार नहीं चाहती है। वोडाफोन सीईओ द्वारा अलविदा कहने की चेतावनी देने के कुछ ही दिन बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि भारत में किसी दूरसंचार कंपनी को अपना कारोबार बंद करना पड़े। वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल दोनों कंपनियों को वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में काफी घाटा हुआ।
आलोच्य तिमाही में वोडाफोन आइडिया को 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ तो भारती एयरटेल को 23,045 करोड़ का घाटा हुआ। डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन (डीडीसी) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि ट्राई ने पहली बार 5.22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 5जी स्पेक्ट्रम समेत स्पेक्ट्रम की नीलामी मूल्य के आधार पर करने की सिफारिश की है।
सचिव ने कहा, डीडीसी ने ट्राई की सिफारिश को स्वीकार करने का फैसला किया है। हम 8305 मेगाहट्र्ज की नीलामी करने जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले साल मार्च या अप्रैल में यह नीलामी होगी। हमने नीलामी के लिए पहले सही निविदा जारी कर दी है। अगले साल जनवरी में निविदा खोली जाएगी।