थाईलैंड की राजधानी, बैंकॉक में एक 49 मंजिला इमारत का घर है जो 26 सालों से खाली है। उस इमारत का नाम सैथॉर्न यूनिक टॉवर है, जिसे “घोस्ट टॉवर” के नाम से भी जाना जाता है।
कुछ लोग इस इमारत को भूतिया समझते है क्योंकि उन्हें लगता हैं कि कब्रिस्तान पर बने होने के कारण इस पर भूत-प्रेत का निवास है। इस बिल्डिंग में प्रवेश की भी इजाजत नहीं है।
कब शुरू हुआ इस इमारत का काम?
एक रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रतिबंध के बावजूद, अभी भी YouTube के लिए व्लॉग और वीडियो बनाने और तस्वीरें लेने के लिए लोग यहां आते हैं। 2014 में इमारत पर चढ़ना गैरकानूनी किए जाने से पहले इसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया था। हालाँकि, टावर के अंदर और बाहरी हिस्से के वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किए गए हैं। 1990 की शुरुआत में इस 185 मीटर ऊंचे टावर पर काम शुरू किया गया था। धनी थाई परिवारों के लिए इस बिल्डिंग में कमरे बनाए जा रहे थे लेकिन 7 साल बाद इनका काम बंद हो गया था।
आखिर बिल्डिंग का काम बंद क्यों हुआ?
एशियाई फाइनेंशियल क्राइसिस, जो थाईलैंड में शुरू हुआ जब देश की सरकार ने अपनी मुद्रा के कीमत में गिरावट कर दी। इस समय पूरे क्षेत्र पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ा। इस वित्तीय उथल-पुथल के वजह से 500 निर्माण परियोजनाएं बाद में रोक दी गईं। सैथॉर्न यूनिक टॉवर का निर्माण अधूरा रह गया, हालांकि ये परियोजनाएं बाद में पूरी हो गईं।
इमारत के चारों ओर सुरक्षा की व्यवस्था
The Sathorn Unique Tower, once a place of luxury and prestige, became scorned by a scandal in 1993 that sent shockwaves across the political landscape of Thailand.
🗺️ #MysteriesOfTheAbandoned
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यूरोप में आखिरी “नो मैन्स लैंड” साइप्रस में एक ढहते हवाई अड्डे के साथ, सैथॉर्न यूनिक दुनिया की सबसे आकर्षक खाली बिल्डिंग्स में से एक है। इस इमारत पर कॉर्पोरेट विज्ञापनों वाली दीवार पेंटिंग और बैनर देखे जा सकते हैं। लोगों के कभी-कभी यहां पर अतिक्रमण भी देखने को मिलता है जिससे निपटने के लिए इमारत के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है।
बिल्डिंग में शूट हुई है हॉरर मूवी
सैथॉर्न यूनिक असल रूप से आर्किटेक्ट और रियल एस्टेट डेवलपर रंगसन टोरसुवान के द्वारा बनाया गया था। उन पर 1993 में थाईलैंड के सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष प्रामसन चांस्यू की हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। बाद में उन्हें दोषी पाया गया और 15 साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन बाद में 2010 में अपील पर उन्हें बरी कर दिया गया। बाद में, उनके बेटे, पंसिट ने सैथॉर्न यूनिक प्रोजेक्ट का कंट्रोल संभाला और काम को अपने हाथों में लिया।
इस टावर की 43वीं मंजिल पर दिसंबर 2014 में एक स्वीडिश शख्स का शव लटका हुआ मिला था। 2017 की एक डरावनी फिल्म “द प्रॉमिस” की शूटिंग इसी बिल्डिंग में की गई थी।