AI Anchor: एआई एंकर के साथ दूरदर्शन की एंट्री

AI Anchor
AI Anchor
Published on

AI Anchor : नौ साल की अपार सफलता के बाद 26 मई को एक नए अंदाज के साथ भारत के किसानों के बीच किसान-केंद्रित चैनल डीडी किसान के लिए दो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समाचार एंकर पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। एआई कृष और एआई भूमि नामक वर्चुअल एंकर नौ साल के बाद चैनल के रीलॉन्च का नेतृत्व करेंगे। एआई एंकर बिना ब्रेक के 24×7 समाचार पढ़ने में सक्षम है।

Highlight:

  • डीडी किसान के लिए तैयार AI एंकर  
  • 50 भाषाओं में बात करेगा AI एंकर
  • बिना ब्रेक 24×7 समाचार पढ़ने में सक्षम

26 मई को एंकर पेश करने के लिए तैयार

किसी भारतीय सरकारी चैनल के लिए पहली बार की उसनें इस तरह का कदम उठाया गया है। आपको बता दें कि दूरदर्शन 26 मई को अपने किसान-केंद्रित चैनल डीडी किसान के लिए दो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समाचार एंकर पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, एआई कृष और एआई भूमि नामक वर्चुअल एंकर नौ साल के बाद चैनल के रीलॉन्च का नेतृत्व करेंगे, जिसमें देश के कृषि समुदाय के लिए एक नया रूप और अपडेट कंटेंट दिखाई जाएगी।

बिना ब्रेक के 24×7 समाचार पढ़ने में सक्षम

एआई एंकर, बिना ब्रेक के 24×7 समाचार पढ़ने में सक्षम है। ये एंकर देश भर के कृषक समुदाय को कृषि अनुसंधान, मंडी की कीमतों, मौसम अलर्ट और सरकारी योजनाओं पर वास्तविक समय पर अपडेट करेंगे। हालांकि, 26 मई और उसके बाद उपयोगकर्ता स्वीकृति और दर्शक जुड़ाव मेट्रिक्स यह निर्धारित करेंगे कि दूरदर्शन का एआई प्रयोग सफल है या नहीं।

50 भाषाओं में बात कर सकते हैं AI एंकर

गौरतलब है कि 50 विभिन्न भारतीय और विदेशी भाषाओं में सामग्री को संप्रेषित करने की उनकी क्षमता है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरुणाचल तक, ये एआई एंकर क्षेत्रीय भाषाओं में कृषि संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्रसारित करेंगे।

पहली बार 2015 में लॉन्च

पहली बार 2015 में लॉन्च किया गया, डीडी किसान भारत का पहला सरकारी टीवी चैनल था जो पूरी तरह से किसानों को समर्पित था, जिसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों को संतुलित फसल खेती, पशुधन पालन और समग्र ग्राम विकास के बारे में शिक्षित करना था।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com