गांधी ने कहा, ''राज्यों को (प्रशासन का) भागीदार होना चाहिए और केंद्र सरकार को राज्यों को साझेदारी में रखना चाहिए, लेकिन केंद्र पूरे देश पर एक भाषा, एक संस्कृति थोपना चाहता है। हम एकता चाहते हैं। साथ ही हमें विभिन्न भाषाओं, संस्कृति और धर्म की विविधता का सम्मान करना चाहिए।''