श्रीमती चोपड़ा ने कहा कि मेरे दादा ससुर एवं पिता ससुर तथा मेरे पति श्री अश्विनी कुमार ने देश के नाम अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। पूरे परिवार को बहुत प्रताड़ना दी गई, हमारे समाचार पत्र की बिजली काट दी गई लेकिन हमने स्वदेशी ट्रैक्टर से अखबार निकालकर स्वदेशी को जिंदा रखा। श्रीमती चोपड़ा ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच का उद्देश्य स्वदेशी एक नारा नहीं है, एक देश की जरूरत है। एक तंत्र है इसी जीवन का एक मंत्र है सुखी जीवन का, एक यंत्र क्रांति के जीवन का, एक समाधान है बेरोजगारी का, एक आधारित समाज सेवा का, एक उत्थान है समाज और राष्ट्र का।एल एन आई पी ई के सभागार में स्वदेशी जागरण मंच की पंद्रहवीं राष्ट्रीय सभा मैं मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री आर सुंदरम ने मंच की वर्ष वर्ग की गतिविधियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने जानकारी दी कि स्वदेशी जागरण मंच के कोरोना वैक्सीन को पेटेंट मुक्त करवाने हेतु चलाए गए अभियान में देशभर के 14, लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए। 22,000 प्रमुख बुद्धिजीवियों सहित साठ देशों के नागरिकों ने अपनी सहमति दर्ज करायी। 19 देशों व देश के 715 ज़िलों में प्रदर्शन हुआ। भूमि बचाने और जैविक कृषि को बढ़ाने के लिए मंच द्वारा भूमि सुख पोषण अभियान चलाया गया। जिसमें देश के 15 सौ से अधिक स्थानों पर इस अभियान को पूर्ण किया गया।