उपराष्ट्रपति सचिवालय के बयान के अनुसार, वेंकैया नायडू ने कहा कि यह जीवनशैली से जुड़े रोगों के बढ़ते मामलों से निपटने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उन्हें महसूस होता है कि खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए और छात्रों को खेलों एवं अन्य शारीरिक गतिविधियों को समान महत्व देने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा और राष्ट्र की सेवा में शिक्षण संस्थानों एवं शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। उन्होंने कहा, ''समाज के प्रति सौहार्द और सहानुभूति, अपने परिवेश और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होना, यही तो नैतिकता का आधार है।संवेदना और करुणा जागृत करना, यही तो शिक्षा की आत्मा है। '' नायडू ने कहा कि सीखना सतत रूप से चलने वाली प्रक्रिया है और यह सार्थक यात्रा है जिसमें छात्र एवं शिक्षक साथ आगे बढ़ते हैं।