लखनऊ मंडल वन अधिकारी रवि सिंह ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत 'सारस' एक जंगली पक्षी है। उन्होंने कहा, हमारे पास इसकी रक्षा और पालन-पोषण के लिए एक प्रणाली है। आप इसके पंखों को छू नहीं सकते हैं या इसे अपने पास नहीं रख सकते हैं। किसी भी मानवीय स्पर्श की अनुमति नहीं है। सारस को पालतू नहीं बनाया जा सकता और मनुष्यों के साथ संपर्क की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पक्षी को कीड़े, मछली का आहार दिया जाना चाहिए। आरिफ ने कहा कि सारस के गायब होने से वह चिंतित है और उम्मीद है कि वह जल्द ही मिल जाएगा।