इससे पहले भी देश की स्पेस एजेंसी इसरो में चंद्रयान-1 से कमाल कर दुनिया को एक बड़ा साबुत दिया है, 2008 में पहले मिशन चंद्रयान-1 से भारत ने दुनिया को बताया कि चाँद पर पानी है। इसने पहले चंद्रमा मिशन ने चाँद की सतह पर पानी की उपस्थिति की पुष्टि की। जिसने बाद से ही इसरो के वैज्ञानिकों ने दूसरे कदम के तरह देखा। इसके बाद 22 जुलाई, 2019 को इसरो ने दूसरे मिशन को लांच किया, लेकिन चंद्रयान-2 की लैंडिंग में असफलता के बावजूद, इसका ऑर्बिटर लॉन्च के चार साल बाद भी चालू है।