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Chaitra Navratri: क्या आप जानते हैं देवी शैलपुत्री की पावन कथा ?

By-  Yogita Tyagi

April 09, 2024

आज से दुर्गा माँ के नौ स्वरूपों को समर्पित नवरात्रि का त्यौहार शुरू हो चुका है इस दौरान माँ दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है

बता दें आज माँ शैलपुत्री का दिन है आइये जानें आखिर माँ दुर्गा के इस रूप के पीछे कौन सी कहानी छिपी है

माँ दुर्गा की पूजा सबसे पहले शैलपुत्री के रूप में की जाती है माँ दुर्गा हिमालय के घर पैदा हुई थीं जिसके कारण उनका नाम  शैलपुत्री रखा गया इनकी सवारी वृषभ है

माँ शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल सुशोभित है ये देवी प्रथम दुर्गा हैं इन्हीं को देवी सती कहा जाता है उनकी एक मार्मिक कथा है

एक समय की बात है माता सती के पिता प्रजापति ने यज्ञ आयोजित किया जिसका निमंत्रण उन्होंने सभी देवताओं को दिया लेकिन भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिया

सती यज्ञ में जाने का हठ भगवान शिव से करने लगीं तब महादेव ने इंकार करते हुए कहा कि सारे देवता यज्ञ में निमंत्रित हैं, पर वे नहीं इसलिए हमें वहां नहीं जाना चाहिए

उसके बाद भी भगवान शिव से सती आग्रह करती रहीं जिसकी वजह से भगवान शिव ने उन्हें उन्हें यज्ञ में जाने की आज्ञा दी

आज्ञा के बाद सती जब अपने मायके पहुंचीं तो उन्हें सिर्फ उनकी मां ने ही प्यार दिया उनकी बहनों की बातों में देवी सती और शंकरजी के लिए उपहास के भाव दिखे

उनके पिता दक्ष ने भी सती और उनके पति भगवान शिव का अपमान किया इससे सती क्रोध की अग्नि में जलने लगीं वे यज्ञ की अग्नि में कूद गईं और भस्म हो गईं

यह सब जानकार भगवान शिव ने दारुण दुःख से व्यथित होकर और क्रोध से यज्ञ का विध्वंस करा दिया यही देवी सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री बनीं 

देवी पार्वती और हेमवती भी इन्हीं माता के दूसरे नाम हैं देवी शैलपुत्री का विवाह भी भगवान शिव से हुआ जिसके बाद शैलपुत्री शिवजी की अर्द्धांगिनी बनीं