By Ritika
April 15, 2024
टोमैटो केचप पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज आदि के साथ बड़े चाव से खाई जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि करीब 200 साल पहले केचर को दवा की तरह बेचा जाता था?
केचप की शुरुआत करीब 1800 में हुई थी, तब इसे टमाटर से नहीं बल्कि मशरुम और मछली का यूज करके तैयार किया जाता था
उस समय टमाटर का यूज नहीं किया जाता था, दरअसस कहा जाता है कि लोग टमाटर को जहरीला मानते थे लेकिन साल 1834 में डॉ जॉन कुक बेनट ने केचप में टमाटर डालना शुरू किया
हिस्ट्री ऑफ यस्टर्डे वेबसाइट के मुताबिक, डॉ जॉन कुक बेनट ने लोगों को बताया कि टमाटर से डायरिया, हैजा, पीलिया,अपच जैसी बीमारियां ठीक हो सकती हैं
फिर उस समय एलेक्सेंडर माइल्स नाम के एक बिजनेसमैन ने टमाटर को लेकर इस दावे को पढ़ा तो उन्हें लगा कि वो बिजनेस में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं
माइल्स उस समय एक पेटेंट दवा 'अमेरिकन हाइजीन पिल' बेचते थे, माइल्स ने जॉन के साथ हाथ मिलाया और टोमैटो केचप को अपनी दवा बना बनकर बेचने और उसका नाम 'एक्सट्रैक्ट ऑफ टोमैटो' रख दिया
जिसके बाद केचप की खपत इतनी बढ़ गई कि कई और बिजनैसमैन भी केचप को दवा बताकर बेचने लगे, लेकिन जब वैज्ञानिकों ने रिसर्च की तो पता चला कि ये महज एक अफवाह है
लेकिन इस अफवाह का फायदा ये हुआ कि लोगों को समझ आ गया कि टमाटर कोई जहरीली चीज नहीं है
ऐसे में जब आज के समय में और रिसर्च की गई तो पता चला कि जॉन के सारे दवा गलत नहीं थे उसने बस उन्हें बढ़ा चढ़ा कर बताया था