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By Pratibha
28 March
सोच-समझकर बोलना बड़ों को कहते सुना होगा कि सोच- समझकर बोलना चाहिए, क्योंकि कई बार बोलने की वजह से चीजें बिगड़ जाती हैं
कम्यूनिकेशन जरुरी किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए जरुरी है कि कम्यूनिकेशन अच्छा हो वहीं कुछ ऐसी सिचुएशन होती हैं जब चुप रहना ही बेहतर होता है
जब इमोशन हाई हो खुशी हो या फिर गम या गुस्सा जब आपके इमोशन बहुत ज्यादा हाई हो तब बोलने से बचना चाहिए, नहीं तो कई बार गलत फैसले हो जाते हैं
नुकसान की आशंका जहां पर नुकसान की आशंका हो या फिर आपके शब्द किसी के लिए नुकसानदायक हो, हर्ट कर सकते तो बोलने से बचें
जब पूरी जानकारी न हो किसी भी विषय पर पूरी जानकारी न हो तो शांत रहना ही बेहतर होता है, नहीं तो कई बार खुद की ही किरकिरी हो सकती है
जब कोई बात कर रहा हो जब कोई व्यक्ति आपसे बात कर रहा हो खासतौर पर वह अपने दुख या काम के बारे में बता रहा हो तो बोलने की बजाय ध्यान से सुनें
माइंडफुलनेस का टाइम यहां पर मतलब है कि उस पल में आप पूरी तरह से मौजूद हो, इसके लिए चुप रहना जरूरी होता है, ताकि हर चीज को समझा जा सके उससे जुड़ा जा सके