BUSINESS
23 हजार करोड़
की कंपनी के
मालिक
कभी बेचते थे मसाले
By PRIYA MISHRA
MARCH 02, 2024
जानिये मालाबार गोल्ड के फाउंडर एमपी अहमद की कहानी
एमपी अहमद का जन्म 1 नवंबर 1957 को केरल के कोझिकोड में हुआ था पिता मम्माद कुट्टी हाजी,माता का नाम फातिमा था।
अहमद का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जो छोटा मोटा बिज़नेस करते रहते है
अहमद की पढ़ाई कोझिकोड के सरकारी स्कूल से हुई,उसके बाद उन्होंने कालीकट विश्वविद्यालय से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया।
जब अहमद 20 साल के हुए तब उन्होंने मसालों का बिज़नेस शुरू किया, वे कोझिकोड में काली मिर्च, धनिया, नारियल आदि बेचा करते थे।
उन्हें जल्द ही समझ आ गया कि यह बिज़नेस ज्यादा दिनों तक नहीं चल पायेगा, इसलिए उन्होंने इस बिज़नेस को बंद कर दिया।
मार्केट रिसर्च के दौरान उन्होंने पाया कि मालाबार में कोई त्यौहार हो या किसी को इन्वेस्टमेंट करना हो, तो वहां के लोग सोना खरीदते हैं।
अहमद ज्वेलरी का बिज़नेस शुरू करने का फैसला लिया और इस तरह से मालाबार गोल्ड का विचार जन्म ले चुका था।
अहमद ने अपनी प्रॉपर्टी बेचकर 1993 में कोझिकोड में 400 वर्गफुट की एक शॉप लेकर अपना बिज़नेस शुरू किया।
अहमद सोने की ईंटे खरीदते और अपने कारीगरों की मदद से खुद ज्वेलरी बनाते।
उनकी यूनिक डिज़ाइन और वैरायटी के कारण जल्द ही लोगों के बीच में मालाबार गोल्ड फेमस होने लगी।
1999 में बीआईएस हॉलमार्क वाली ज्वेलरी बेचने लगे,मालाबार गोल्ड देश ही नहीं, विदेशों में भी अपनी सुनहरी चमक बिखेरने लगा
भारत के अलावा यूएई, दुबई, अमेरिका सहित 11 देशों में स्टोर्स हैं और यह कंपनी 27 हजार करोड़ टर्नओवर वाली कंपनी बन गयी है
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