Lifestyle
By Pratibha
13 April 2024
चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है
भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण देवी के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है
आप तस्वीर में देख सकते हैं कि, सिंह पर सवार मां स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं
वो अपनी ऊपर वाली दांयी भुजा में बाल कार्तिकेय को गोद में उठाए उठाए हुए हैं, नीचे वाली दांयी भुजा में कमल पुष्प लिए हुए हैं
ऊपर वाली बाईं भुजा से माता रानी ने जगत तारण वरद मुद्रा बना रखी है व नीचे वाली बाईं भुजा में कमल पुष्प है
ऐसा कहा जाता है कि, संतान संबंधी कष्टों को दूर करने के लिए माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है इसके साथ ही मां स्कंदमाता की पूजा करने से ज्ञान और बुद्दि की भी प्राप्ति होती है
अपनों को दें शुभकामना या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम: