प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान समर्थक झंडे लहराए गए थे और मिशन की खिड़कियों को तोड़ दिया गया था तथा तिरंगा को उतारने की कोशिश की गई थी। सप्ताहांत के बाद से कई अधिकारी वहां गश्त कर रहे हैं और मेट्रोपोलिटन पुलिस के वाहन 'इंडिया प्लेस' के बाहर खड़े हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि बुधवार का सुनियोजित प्रदर्शन ''पंजाब में भारतीय पुलिस की कार्रवाई के जवाब'' में है।लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पंजाब में मौजूदा घटनाओं और अलगाववादी समूह 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बारे में भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए काम कर रहा है। भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में कहा, ''यहां ब्रिटेन में आप सभी मित्रों विशेषकर जिनके भाई-बहन और रिश्तेदार पंजाब में हैं, उन्हें मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सोशल मीडिया पर जो सनसनीखेज सूचनाएं प्रसारित हो रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।'' उन्होंने कहा, ''आपकी मातृभूमि में हालात वैसे नहीं हैं, जैसा बताया जा रहा है। राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री और स्थानीय पुलिस प्रशासन ने टेलीविजन पर साक्षात्कार सहित इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी है, कृपया उसे देखें। कुछ मुट्ठी भर लोगों की भ्रामक सूचना पर यकीन नहीं करें।''