मिस यूनिवर्स का खिताब सुन कर ही एक ख्वाब जैसा लगता हैं न। तो सोचिए जब यह ताज किसी के सर पर सजता होगा तो कैसा ही फील होता होगा। शायद ही कोई इस फीलिंग्स को शब्दों में बयां कर सकता हैं। अब आप सोच रहे होंगे की आज हम इस टॉपिक पर बात क्यों कर रहे हैं क्यों की अभी तो कोई मिस यूनिवर्स भी नहीं बना हैं। दरअसल हम ये बात आज इसलिए कर रहे हैं क्यों की बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और देश के चर्चित टेनिस प्लेयर लारा दत्ता ने आज ही के दिन साल 2000 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरे भारत का मान बढ़ाया था। 12 मई वह तारीख थी, जब लारा दत्ता के सिर ‘मिस यूनिवर्स’ का ताज सजा था। लेकिन इस ताज को पाने के लिए लोगों को कितनी परीक्षा देनी पड़ती हैं क्या आपको इसका अंदाजा हैं? दरअसल खिताब जितने से पहले हर किसी से एक ऐसा सवाल पूछा जाता हैं जिससे सुनने के बाद ही उसके सर पर ये अनोखा ताज सजता हैं। तो इस खिताब की जंग को जीतने के लिए अभिनेत्री से क्या सवाल पूछे गए थे वो आज हम आपको बताते है इस रिपोर्ट में।

दरअसल लारा दत्ता के मिस यूनिवर्स बनने के पीछे की स्टोरी काफी इंट्रेस्टिंग हैं। लारा मिस यूनिवर्स तो बन गई थीं, लेकिन यहां तक पहुंचना बिल्कुल आसान नहीं था। फाइनल राउंड में हर किसी से आखिरी का एक सवाल किया जाता हैं जिसके जवाब के बाद यह निर्णय लिया जाता हैं की विनर कौन होगा। तो ऐसा ही एक सवाल लारा दत्ता से भी पूछा गया था की ‘बाहर मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता को लेकर विरोध किया जा रहा है कि इससे महिलाओं का अपमान होता है। विरोधियों को कैसे समझाएंगी कि वे गलत हैं। इसके जवाब में लारा दत्ता ने कहा मुझे लगता है कि मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताएं हम युवा महिलाओं को अच्छा प्लेटफॉर्म देती हैं और अपने मनपसंद क्षेत्र में आगे बढ़ने में हमारी मदद करती हैं, फिर चाहे कारोबार हो, सशस्त्र बल हो या फिर राजनीति। यह प्लेटफॉर्म हमें हमारी पसंद और सजेशन रखने का मौका देता है। हमें मजबूत और आजाद बनाता है, जैसे हम हैं। लारा का यह जवाब बाकी कंटेस्टेंड्स से बिल्कुल जुदा था और बहुत ज्यादा इंप्रेसिव था और इसी जवाब ने उन्हें प्रतियोगिता का विनर बनाया दिया।

सुष्मिता सेन से पूछे गए थे ये सवाल
वो कहावत तो अपने सुनी ही होगी सपने वो देखे जो आपको सोने न दे। और कुछ ऐसा ही सपना देखा था अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने, और 21 मई 1994 में सुष्मिता सेन ने पहली बार ‘मिस यूनिवर्स’ बन अपना यह सपना सच साबित कर दिया था।वही सुष्मिता से इस ताज को पाने लिए के लिए पूछा गया था कि ‘आपके लिए एक महिला होने का सार क्या है?’ इसका जवाब में सुष्मिता सेन ने कहा की ‘महिला होना भगवान का दिया तोहफा है जिसकी हम सभी को सराहना करनी चाहिए। एक बच्चे का जन्म मां से होता है जो कि एक औरत है. वो एक पुरुष को परवाह करना, शेयर करना और प्यार करना सब सिखाती है. औरत होने का यही सार है.’ उनके इसी जवाब ने उनको मिस यूनिवर्स का टाइटल जीता दिया था।


वही लारा दत्ता के बाद भारत के लिए लम्बे समय से किसी ने ताज़ नहीं लाया था। लेकिन वो कहते हैं की सब्र का फल मीठा होता हैं। और इस बात को सच कर दिखाया था 13 दिसंबर 2021 को हरनाज कौर संधू ने जब यह खिताब अपने नाम किया था। इतने वर्षों बाद देश का गौरव बढ़ाने वाली हरनाज से महिला प्रधान सवाल पूछा गया था। सवाल था “आज के दबावों से निपटने के लिए आपके जैसी यूवा महिलाओं को आप क्या सलाह देना चाहेंगी?” हरनाज इसके जवाब में बोलीं, ‘आज का युवा जिस सबसे बड़े दबाव का सामना कर रहा है, वह खुद पर विश्वास करने का है। आपको यह जानना होगा आप सभी यूनिक हैं और यही आपको सुंदर बनाता है। दूसरों के साथ अपनी तुलना करना बंद करें और दुनिया भर में हो रही महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बात करें। बाहर निकलो, अपने लिए बोलो, क्योंकि तुम खुद अपने जीवन के लीडर हो। आप खुद की आवाज हैं। मुझे खुद पर विश्वास था और इसलिए मैं आज यहां खड़ी हूं।” हरनाज के इस जवाब ने न केवल सीट पर बैठे जजों को बल्कि पूरा भारत के युवाओं को भी प्रेरित किया था।