बॉलीवुड में चॉकलेटी बॉय के तौर पर एंट्री करने वाले है आर माधवन आज एक जाना माना चेहरा है। फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ से बॉलीवुड में एंट्री करने वाले आर माधवन ने टॉलीवूड में अपना नाम कमाया है । मंगलवार को आर माधवन ने पहली बार इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल कांन्स में शिरकत करते दिखे। यहाँ उनकी फिल्म Rocketry: The Nambi Effect की स्क्रीनिंग हुई। इस मौके पर उन्होंने इंटरव्यू में मीडिया के साथ बाते की और साइंस के बारे में बातें की।

माधवन ने कहा कि भारतीय सिनेमा ने साइंस और टेक्नोलॉजी फील्ड की असाधारण कहानियों और इसके कई पीओनीरस की बड़े पैमाने पर उपेक्षा की है, जिनके फोल्लोवेर्स देश में फिल्म सितारों के फैंस की संख्या से कही ज्यादा हैं। इस बारे में बात करते हुए माधवन ने कहा ‘आर्यभट्ट से लेकर सुंदर पिचाई तक, जहां तक साइंस और टेक्नोलॉजी का संबंध है, हमारे पास ऐसी असाधारण कहानियां हैं। हम इन लोगों के बारे में फिल्में नहीं बना रहे हैं। ये लोग दुनिया भर के युवाओं की आकांक्षाएं हैं। सितारों और अभिनेताओं की तुलना में उनके ज्यादा फोल्लोवर हैं।

माधवन ने आगे कहा आपके पास उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ये लोग हैं जिनसे मैं मिला हूं जिन्होंने इस नए मेटावर्स को शुरू किया है, जो वेब 3.0 में हैं … हम ऐसी सफलता की कहानियों के बारे में फिल्में नहीं बना रहे हैं। माधवन ने कहा कि भारत का इतिहास काफी ब्रॉड है “यह देश महान परंपराओं और संस्कृति का समृद्ध इतिहास है जो दुनिया भर में जाना जाता है”।

माधवन ने ये भी कहा कि भारत का एक पहलू ये भी है कि हम फिल्म निर्माता या भारत के लोग इस बात की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं और वह है साइंस और टेक्नोलॉजी में हमारी महारथ।” एक्टर से डायरेक्टर बने माधवन ने हॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन का उदाहरण दिया, जो “द प्रेस्टीज”, “इंसेप्शन” और “इंटरस्टेलर” जैसी समय को झुकाने और अक्सर दिमाग को झुकाने वाली फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

माधवन ने इन्सेप्शन के बारे में बात करते हुए कहा ‘”मैं अभी तक ‘इंसेप्शन’ को नहीं समझ पाया हूं, लेकिन मेरे मन में उस व्यक्ति के लिए पूरा सम्मान है क्योंकि वह विज्ञान के बारे में इतना जानता है। और वह इस बात को लेकर बिल्कुल बेफिक्र हैं कि दर्शकों को यह मिल भी सकता है और नहीं भी। “