साउथ अदाकारा रश्मिका मंदाना अपनी एक्टिंग के साथ-साथ अपने चुलबुले अदांज के लिए जानी जाती हैं। रश्मिका की स्माइल लाखों दिलों को धड़का देती है और इसी वजह अदाकारा कई सारों लड़कों की क्रश भी हैं। अपनी एक्टिंग के दम पर तो रश्मिका ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बना ली है लेकिन इसके अलावा रश्मिका अपने स्वभाव की वजह से भी लोगों को बहुत पसंद आती हैं।

रश्मिका हर किसी से मिलते हुए काफी खुश नजर आती है फिर चाहे वो किसी स्टार हो या फिर पैपराजी या उनके फैंस। हर किसी से मिलते वक्त रश्मिका के चेहरे की स्माइल सबका मन मोह लेती है। रश्मिका अपनी फिल्मों और अपने लुक्स को लेकर चर्चा में बनी रहती है इसी के साथ वह अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी खूब सुर्खियां बटोरती हैं। लेकिन इस बार वो अपने एक बयान की वजह से लाइमलाइट में आ गई हैं।

दरअसल, हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में श्रीवल्ली यानि रश्मिका ने अपने अपने ऑन और ऑफ स्क्रीन पर्सनालिटी के बारे में खुलकर बात की। अदाकारा ने अपने ऑफ स्क्रीन पर्सनालिटी के बारे में बात करते हुए कहा, “ठीक है, मैं ऐसी ही हूँ। यह मेरी पर्सनालिटी है। मैं इसे नकली नहीं बना सकती क्योंकि लोग इसे पकड़ लेंगे कि मैं यह सब सिर्फ कैमरे के लिए कर रही हूं।”

रश्मिका ने आगे कहा, “ इसके अलावा, मैं ऑफ स्क्रीन एक्टिंग नहीं कर सकती, क्योंकि वह मैं नहीं हूं। मैं असल में आभारी हूं कि जो मैं हूं लोग मुझे वैसे ही पसंद करते हैं।” फिल्म पुष्पा द राइज के बाद रश्मिका की पॉपुलैरिटी काफी ज्यादा बढ़ गई है वो जहां भी जाती है पेप्स उन्हें अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश करते हैं। वहीं अब उनके बॉलीवु़ड डेब्यू के बाद तो एक्ट्रेस की फैन फॉलोइंग पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ गई है।

हालांकि रश्मिका भी हमेशा पैपराजी को अच्छे से ट्रीट करती हैं और उन्हें हमेशा स्माइल करते हुए पोज देती हैं। इसी वजह से पैपराजी के बीच रश्मिका को काफी पसंद भी किया जाता है। इसी को देखते हुए अदाकारा से पैपराजी के लेकर भी सवाल किया गया। जिस पर एक्ट्रेस ने सभी का दिल एक बार फिर जीत लिया है, हर कोई एक्ट्रेस के जवाब को सुन उनकी जमकर तारीफ कर रहा है।

पैपराजी के बारे में बात करते हुए रश्मिका ने कहा, “सभी फोटोग्राफर बहुत प्यारे हैं। हालांकि शुरुआत में जब इतने सारे लोग अचानक आ जाते थे, तो मैं घबरा जाती थी, लेकिन फिर उनसे बात करने और उनके काम को समझने के बाद मुझे उनकी मेहनत का भी एहसास हुआ। मुझे एहसास हुआ कि मेरी तरह ही वे भी अपना काम करते हैं। तभी मैंने फैसला किया कि जब वे मेरे आसपास होंगे, उन कुछ सेकंड या मिनटों के लिए मैं उन्हें खुश रखने की कोशिश करूंगी।”