दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे के बाद 80 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक निगम का काम शुरु नही हो पाया। वो इसलिए क्योंकी अबतक स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं हो पाया है ये चुनाव मेयर के चुनाव के बाद होना था पर चुनाव तो हुआ नहीं लेकिन सदन में कुश्ती जरुर हो गई।
जिस स्टैंडिंग कमेटी के पीछे बवाल हो रहा है उस कमेटी पर नगर निगम में नीति निर्धारण का जिम्मा 6 सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी का होता है। ये बेहद अहम कमेटी है। जिसका चुनाव भारी बवाल के बाद 27 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है। चुनाव इस लिए टाला गाया क्योंकी जिन्हें जनता ने विकास के लिए चुना है वो नेता ही सदन में लात घूंसे और कुश्ती लड़ रहे है। जिसे देखकर कोई कह नहीं सकता की ये सदन है।
50 दिन में 5 मीटिंग में हुई लड़ाई 

आपको जानकर हैरानी होगी की पिछले 50 दिन में 5 मीटिंग ऐसी हुई है, जिसमें आप और बीजेपी के पार्षद एक-दूसरे से मारपीट करते नजर आए। बजट की समस्या से जूझ रही दिल्ली नगर निगम की बैठक में जिस तरह पार्षद मारपीट कर रहे हैं। उसको लेकर भी सवाल उठ रहा है। नगर निगम में एक दिन के संचालन में करोड़ो रुपए का खर्च होता है। लेकिन पिछली बैठक बेनतीजा ही रही है। 

स्टैंडिंग कमेटी के पास अहम पावर
स्टैंडिंग कमेटी की पावर की बात करें तो दिल्ली नगर निगम की मुख्य डिसीजन-मेकिंग बॉडी स्टैंडिंग कमेटी ही है। ये कमेटी कॉर्पोरेशन का कामकाज, मैनेजमेंट, नए प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मंजूरी देने और नीतियों को लागू करती है। कमेटी में कुल 18 मेंबर होते हैं, जिसमें से मेयर डिप्टी मेयर और 6 सदस्यों का चुनाव सीधे हाउस की ओर से किया जाता है।
नगर निगम का बजट 15 हजार 276 करोड़ रुपए
जानकारी के लिए बता दें एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली नगर निगम का कुल बजट 15 हजार 276 करोड़ रुपए के आसपास है। इनमें हेल्थ के लिए 4153 करोड़, एजुकेशन के लिए 2632 करोड़, सामान्य प्रशासन के लिए 3225.35 करोड़, लोक निर्माण और स्ट्रीट लाइटिंग के लिए 1732.15 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इस कमेटी को जो मेंबर होंगे उनके पास इस तरह के फैसलों को लेने की पावर है। इन सबके बीच बड़ा सवाल है कि इन मेंबर्स का चुनाव कब होगा कल हंगामे के बाद कहा गया की 27 को चुनाव कराया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी की ये चुनाव ठीक तरह से होता है या नहीं।