दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बवाल मच गया। बता दें कि यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।यमुना के कथित ‘‘अत्यधिक प्रदूषित’’ जल से भरी बोतलें हाथ में लिए भाजपा के नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे।
लोगों के स्वास्थ्य को हो रहा है नुकसान
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि यमुना के गंदे पानी की आपूर्ति की वजह से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘ इससे कैंसर की बीमारी हो रही है। गुर्दे व यकृत को नुकसान पहुंच रहा है और साथ ही यह अन्य बीमारियां की वजह भी बन रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने यमुना की सफाई के लिए आम आदमी पार्टी ‘आप’ सरकार को 2500 करोड़ रुपये दिए हैं।’’
यमुना 200 प्रतिशत अधिक प्रदूषित हुई
उन्होंने कहा, ‘‘ हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहते हैं कि यह पैसा कहां गया क्योंकि उनकी सरकार की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘आप’ के आठ साल के कार्यकाल में यमुना 200 प्रतिशत अधिक प्रदूषित हुई है।’’बिधूड़ी ने कहा कि विधानसभा में यह मुद्दा उठाया जाएगा और अगर इस पर चर्चा नहीं हुई तो हम इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।उन्होंने कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया गया है। अगर सरकार चर्चा से भागती है तो हम धरना देंगे।’’
पुरानी समस्याओं को हल करने के लिए हो रहा है काम
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए उपराज्यपाल के कार्यालय ने सोमवार को कहा था कि अरविंद केजरीवाल सरकार के पिछले आठ वर्ष के कार्यकाल में यमुना नदी में प्रदूषण दोगुना हुआ है।
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अनुसार, वह पुरानी समस्याओं को हल करने के लिए पहले से ही काम कर रहा है और करीब सभी प्रमुख सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) के उन्नयन का काम दिसंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।