Jamia Violence : शरजील इमाम को आरोप मुक्त करने के खिलाफ पुलिस की याचिका पर HC करेगी सुनवाई - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

Jamia violence : शरजील इमाम को आरोप मुक्त करने के खिलाफ पुलिस की याचिका पर HC करेगी सुनवाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम, सह-आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा और नौ अन्य को आरोप मुक्त करने के साकेत कोर्ट के चार फरवरी के आदेश के खिलाफ पुलिस की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी

शरजील इमाम सहित 10 आरोपितों को साकेत कोर्ट ने 4 फरवरी 2023 को अपना फैसला सुनाते हुए बरी कर दिया था। अदालत के फैसले से नाखुश दिल्ली पुलिस ने इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। जानकारी के अनुसार, हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम, सह-आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा और नौ अन्य को दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा की घटनाओं से जुड़े एक मामले में आरोप मुक्त करने के साकेत कोर्ट के चार फरवरी के आदेश के खिलाफ पुलिस की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी।
खंडपीठ ने 13 फरवरी को सुनवाई की अनुमति दी

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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया, जिसने इसे 13 फरवरी को सुनवाई की अनुमति दी। तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए, दिल्ली पुलिस ने आरोप मुक्त करने के आदेश के खिलाफ मंगलवार को उच्च न्यायालय का रुख किया। 4 फरवरी को साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए पुलिस की खिंचाई करते हुए कहा कि वास्तविक अपराधियों को पकड़ने में असमर्थ पुलिस ने निर्दोषों को ‘बलि का बकरा’ बनाया।
लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी

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दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CCA) का विरोध कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी। न्यायाधीश वर्मा ने कहा था कि प्रदर्शनकारी निश्चित रूप से बड़ी संख्या में थे और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि भीड़ के भीतर कुछ असामाजिक तत्वों ने व्यवधान का माहौल बनाया। लेकिन सवाल बना हुआ है कि क्या आरोपी व्यक्ति प्रथमदृष्टया उस मामले में शामिल थे, वर्मा ने पूछा था। कोर्ट ने शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा, मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शहजर रजा खान, मोहम्मद अबुजर, मोहम्मद शोएब, उमैर अहमद, बिलाल नदीम, चंदा यादव और सफूरा मामले में बरी कर दिया था।

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