दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से बीते दिन सीबीआई ने 9 घंटों तक लंबी पूछताछ की थी। CBI के साथ सवाल-जवाबों के बाद सिसोदिया ने जांच एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूछताछ के दौरान एक समय पर उनसे आम आदमी पार्टी छोड़ने का दबाव बनाया। सिसोदिया के इन आरोपों पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा बुरी तरह भड़क गए हैं।
डिप्टी सीएम के दावों पर कपिल मिश्रा ने कहा कि मैं मनीष सिसोदिया को आज खुली चुनौती देता हूं कि आपने जो कल CBI के बारे में बयान दिया था उस पर माफी मांगे और अपना बयान वापस ले वरना आज आप शाम 5:00 बजे तक देश के सामने कहें कि आप लाई डिटेक्टर टेस्ट और नार्को टेस्ट के लिए तैयार हैं।
कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करते हुए सीबीआई की जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो आरोपी है, जांच के दायरे में है और कटघरे में खड़ा हैं वो अपने ही जांच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ झूठी बयानबाज़ी कर रहा है, ये सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच को प्रभावित करने और रोकने की कोशिश है।
सीबीआई दफ्तर से निकलते ही सिसोदिया का बड़ा आरोप
दरअसल, सोमवार देर शाम जब सिसोदिया सीबीआई दफ्तर से निकले तो उन्होंने कहा, ‘मुझे आज पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 9 घंटे तक पूछताछ हुई। पहले मैं कुछ समझ नहीं पाया था, लेकिन अब समझ रहा हूं। मेरे ऊपर घोटाले का आरोप लगा है। लेकिन बता दूं कि वो केस फर्जी है। मैंने आज ऑफिस में देख लिया। मैंने सीबीआई की नौ घंटे की पूछताछ के दौरान समझ गया कि किस तरह से सारा केस फर्जी है और किस तरह से इन्होंने, पूरी साजिश की गई है। मुझे फंसाने का षड्यंत्र है सब।’
उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों ने घोटाले के मामले के जांच के लिए मुझे नहीं बुलाया था। ये ऑपरेशन लोटस को पास कराने के लिए ऐसा कर रहे है। भारतीय जनता पार्टी सीबीआई जैसी एजेंसी को असंवैधानिक तरीके से दबाव बनाने के लिए यूज कर रही है। मुझे साइड में लेकर आप पार्टी छोड़ने का दबाव बनाया गया था। मुझपर प्रेशर डाला गया है। मैं डरता नहीं हूं।’
आपको बता दें कि नई शराब नीति को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी। सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। इस मामले में बीजेपी ने केजरीवाल पर नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए थे। इस बेहद ही गंभीर मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, महाराष्ट्र, समेत 6 राज्यों में छापेमारी भी की थी।