दिल्ली स्थित चिड़ियाघर में एक युवक गुरुवार को शेर के पिंजरे में जा गिरा। शेर के सामने युवक को देखकर आस-पास मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में मौके पर पहुंचे चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने युवक को शेर के पंजों में जाने से बचाया। हादसा कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है। 28 साल का युवक बिहार का रहने वाला है।
इसी तरह का एक वाकया दिल्ली के चिड़ियाघर में सन 2014 में भी हुआ था। उस घटना में शेर ने युवक को मार डाला था।
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने घटना की पुष्टि की है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने आगे कहा, ‘घटना दोपहर करीब 12 बजे घटी। युवक का नाम रेहान (21) है। रेहान बिहार का मूल निवासी है।’
देवेश श्रीवास्तव के मुताबिक, ‘रेहान क्या करता है इसका पता नहीं चला है। यह भी जांच की जा रही है कि, रेहान एक हादसे के चलते गिरा या फिर यह घटना किसी शरारत का परिणाम है।’ घटना के वक्त मौके पर काफी लोग थे। उसी वक्त अचानक रेहान के शेर के पिंजरे में गिर जाने से भगदड़ मच गई। शेर के पिंजड़े (बाड़े) में युवक के गिरने की खबर फैलते ही मौके पर पुलिस और चिड़ियाघर के कर्मचारी भी पहुंच गए।
देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने से आगे कहा, ‘अब तक हुई छानबीन में यही पता चला है कि मौत के मुंह में जाते-जाते बचा युवक रेहान दिल्ली घूमने आया था।’ संयुक्त पुलिस आयुक्त के मुताबिक, ‘मौके पर लकड़ी की एक बल्ली टूटी पाई गयी है। जांच इस बात की भी की जा रही है कि आखिर बल्ली कैसे टूटी?’ से उन्होंने युवक रेहान के कुशल होने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘लकड़ी की बल्ली कैसे टूटी? क्या लकड़ी की बल्ली को जबरदस्ती दबाब देकर तोड़ा गया या फिर वह कमजोर होने के चलते टूट गई जिससे युवक रेहान शेर के करीब जा पहुंचा।
इन तमाम सवालों की पड़ताल चिड़ियाघर प्रशासन भी कर रहा है।’ उल्लेखनीय है कि इसी तरह की एक लापरवाही पूर्ण घटना में सितंबर 2014 में दिल्ली के 27 साल के एक युवक को जान से हाथ धोना पड़ गया था। इसी चिड़ियाघर में घूमने पहुंचा एक युवक सफेद शेर के सामने जा गिरा। 10 मिनट तक शेर और युवक आमने-सामने डटा रहा, अंतत: शेर ने युवक को मार डाला था।
हादसे में जान गंवाने वाले युवक का नाम मकसूद था। मकसूद दिल्ली के ही आनंद पर्वत इलाके में स्थित एक गत्ता फैक्टरी में नौकरी करता था। वो मूलत: जयपुर (राजस्थान) रहने वाला था। जिन दिनों मकसूद ने शेर के हाथों अपनी जान गंवाई, तब वो दिल्ली के जखीरा इलाके में माता-पिता के साथ रह रहा था।
घटना वाले दिन मकसूद सफेद शेर के पिंजरे में जा गिरा था। उसका पैर फिसल गया था। जब तक सुरक्षाकर्मियों ने मकसूद को शेर के सामने से बचाने के उपाय किए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।