देश में कोविड-19 का कहर जारी है। इस दौरान महामारी को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन 3 मई तक लागू है।वही विपक्षी नेता शरद यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि लॉकडाउन के चलते प्रवासी श्रमिकों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें अपने गांव जाने के लिये यात्रा की अनुमति नहीं दी जा रही है जबकि उत्तर प्रदेश के सरकार को राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे छात्रों को वापस लाने की अनुमति दी गयी है।
शरद ने कहा कि लॉकडाउन के उपायों को लागू करने में भी राजनीति की जा रही है। वही लोकतांत्रिक जनता दल के नेता ने बयान जारी कर कहा कि छात्रों एवं श्रमिकों के साथ समान व्यवहार होना चाहिये। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हर उस व्यक्ति की जिम्मेदारी लेनी चाहिये जो देश के विभिन्न हिस्सों में फंसा हुआ है।
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उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर विवाह समारोहों का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा को रेखांकित किया है जिन्हें अपने घर लौटने से महाराष्ट्र एवं दिल्ली में रोक दिया गया है।
शरद ने कहा, ‘यह भेदभाव की पराकाष्ठा है, जो बर्दाश्त के योग्य नहीं है…..जो सबसे अधिक व्याकुल करने वाला है वह है केंद्र सरकार का विदेशों से अपने नागरिकों को विमान में लेकर वापस आना, क्योंकि वे संपन्न परिवारों के लोग हैं। कुछ राज्य अपने छात्रों एवं अन्य को आलीशान बसों में वापस लेकर आ रहे हैं, दूसरी तरफ वे श्रमिक हैं जो पैदल अपने घरों की ओर जाने के लिये मजबूर हैं और उन्हें अलग अलग स्थानों पर पुलिस की लाठी भी मिल रही है।