डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को 40 दिन की पैरोल पर जेल से रिहा किया गया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को 40 दिन की पैरोल पर जेल से रिहा किया गया

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 40 दिन की पैरोल पर हरियाणा के रोहतक स्थित सुनारिया जेल से शनिवार को रिहा किया गया। इसके बाद वह कड़ी सुरक्षा के बीच अपनी गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत के साथ बागपत के बरनावा आश्रम पहुंचा।

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 40 दिन की पैरोल पर हरियाणा के रोहतक स्थित सुनारिया जेल से शनिवार को रिहा किया गया। इसके बाद वह कड़ी सुरक्षा के बीच अपनी गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत के साथ बागपत के बरनावा आश्रम पहुंचा।
शिरोमणि अकाली दल(शिअद) और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने राम रहीम सिंह को पैरोल देने पर कड़ी आपत्ति जताई। वह दो शिष्याओं से बलात्कार के जुर्म में 20 साल जेल की सज़ा काट रहा है।
उसे तीन महीने पहले भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी जो 25 नवंबर को खत्म हुई थी। उस समय भी वह 14 अक्टूबर को जेल से छूटने के बाद बरनावा आश्रम गया था।
रोहतक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सिंह को दोपहर में जेल से रिहा किया गया।
रोहतक के संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा ने शुक्रवार को बताया था, “पैरोल 40 दिनों के लिए प्रदान की गई है। यह नियमानुसार है।’’
सूत्रों ने बताया कि अपनी पैरोल अवधि के दौरान डेरा प्रमुख के 25 जनवरी को पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह की जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होने की संभावना है।
आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों के काफिले के साथ सुरक्षा घेरे में गुरमीत राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से लेकर हरियाणा व उत्तर प्रदेश की बागपत पुलिस बरनावा आश्रम पहुंची।
राम रहीम के आश्रम में प्रवेश करते ही मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया। बताया गया कि साध संगत के आश्रम के अंदर प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है।
क्षेत्राधिकारी, बागपत डीके शर्मा ने बताया कि पैरोल के नियमों का पालन करते हुए आश्रम में भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। यदि नियमों का उलंघन हुआ तो करवाई भी की जाएगी।
बिनौली थाना के प्रभारी सलीम अहमद ने बताया कि गुरमीत राम रहीम के साथ हनीप्रीत व परिवार के सदस्य भी आए हैं।
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया कि डेरा प्रमुख को ‘बार-बार’ पैरोल दी जा रही है, लेकिन ‘बंदी सिंह’ (सिख कैदियों) के साथ न्याय नहीं किया जा रहा है। उनका दावा है कि वे अपनी सज़ाएं पूरी करने के बाद भी जेलों में बंद हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिखों के साथ हमदर्दी दिखाने के बजाय बलात्कार और हत्या के दोषी पर नरम रवैया अपना रही है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भी डेरा प्रमुख को पैरोल दिए जाने पर आपत्ति जताई।
उन्होंने सिख कैदियों की रिहाई की मांग करते हुए कहा, ‘अल्पसंख्यकों के प्रति सरकारों की दोहरी नीति से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है।’
अक्टूबर-नवंबर में अपनी पिछली पैरोल अवधि के दौरान, 55 वर्षीय सिरसा डेरा प्रमुख ने बरनावा आश्रम में ‘सत्संग’ के कई ऑनलाइन सत्र आयोजित किए थे।
अक्टूबर की पैरोल से पहले डेरा प्रमुख जून में एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। इसके अलावा, उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से बमुश्किल दो सप्ताह पहले सात फरवरी 2022 से तीन सप्ताह की फरलो दी गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

8 − 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।