कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर एक साल से डटे किसानों का धरना प्रदर्शन आज समाप्त हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा उनकी अन्य मांगों को मानने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया।
सरकार से अपनी मांगे मनवाने के बाद किसानों ने विजय एक ऐलान करते हुए अपने घरों का रुख कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) आज देश भर के सभी बॉर्डर पॉइंट, टोल प्लाजा और विरोध स्थलों पर विजय मार्च निकालेगा। इसके बाद वे अंत में साल भर के विरोध प्रदर्शन के समापन के अवसर पर घर लौट जाएंगे।

कृषि कानून की वापसी के बाद भी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों को लेकर धरने पर जमे रहे थे. लेकिन अब सरकार ने एक चिट्ठी भेजकर उनकी सभी मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर से किसानों के टेंट हटने शुरू हो चुके हैं। इस मौके पर टिकरी बॉर्डर पर जमे किसानों ने सफलता का जश्न मनाया।
किसान इस वक़्त ट्रकों और ट्रैक्टरों में अपने घरों के लिए निकलने की तैयारी पूरी करने में व्यस्त हैं। किसानों के अनुसार, यूपी गेट को 15 दिसंबर तक पूरी तरह से खाली कर दिया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली बॉर्डर्स पर आने वाले लोगों को जाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा की माने तो उन्होंने आंदोलन समाप्त नहीं किया है, बल्कि स्थगित किया है। अगर सरकार अपने वायदे से पीछे हटती है कि तो किसान फिर से दिल्ली में डेरा डाल सकते हैं। बता दें कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर नवंबर 2020 के अंत से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान सरकार की और से कई बार प्रयास किए गए, जो पूरी तरह से विफल साबित हुए।
किसानों के अडिग आंदोलन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी। बाद में, संसद ने 29 नवंबर को उन्हें निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया। किसानों की शेष सभी मांगों को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार के एक अंतिम पत्र के बाद SKM जो कि 40 से अधिक किसान संघों का एक समूह है, ने गुरुवार को देश भर में आंदोलन को समाप्त कर दिया।