देश में जैसे-जैसे गर्मी का सितम बढ़ रहा है, वैसे-वैसे संकट के बादल गहराते जा रहे है। पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा चल रही है कि देश में कोयले की कमी हो रही है, जिसके चलते कई राज्य सरकारें चिंतित है। तो वहीं, दूसरी तरफ, विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार तीखा हमला बोल रहे है। इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश में कोयले की कमी को केंद्र सरकार पर जोरदार वार किया है।
बघेल ने सरकार को घेरा, पूछे कई सवाल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस गंभीर मुद्दें को लेकर सवाल उठाए हैं। बता दें कि बिजली संकट के मद्देनजर कोयला सप्लाई करने के लिए कई ट्रेनें रद्द की गई हैं, इसे लेकर ही बघेल ने सरकार को घेरा है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अगर कोयले की कोई कमी नहीं है तो यात्री ट्रेन सेवाएं क्यों बंद कर दी गईं? छत्तीसगढ़ से 23 मालगाड़ियां कैंसिल हुई हैं, फिर रेल मंत्री से बात की तो 6 ट्रेनें चलाई गईं।

कई राज्यों में दिख रहा कोयला संकट
गोरतलब है कि देश में बढ़ते कोयला संकट के कारण बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी समेत कई राज्यों में घंटों के हिसाब से बिजली कटौती हो रही है। बिजली कटौती के बीच रेलवे ने 42 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किया है, ताकि कोयला लेकर जा रहीं ट्रेनों को देरी न हो। रद्द की गईं ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं।
रेलवे ने रद्द की कई यात्री ट्रेनें
कोयला उत्पादक क्षेत्रों वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) डिवीजन ने 34 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। दूसरी ओर उत्तर रेलवे (एनआर) ने आठ रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है, जो उत्तर भारत में कई बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति करता है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में डोंगरगढ़-रायपुर मेमू को 11 अप्रैल से 24 मई तक रद्द कर दिया गया है। दक्षिण मध्य रेलवे ने जहां 22 मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों और 12 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया है, वहीं उत्तर रेलवे ने चार मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों और इतनी ही पैसेंजर सेवाओं को रद्द कर दिया है।
आंकड़ों के मुताबिक इन रेलगाड़ियों के रद्द होने के बाद रेलवे ने कोयले की औसत दैनिक लदान 400 से अधिक कर दी है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। आपको बता दें कि भीषण गर्मी और कोयले की कमी के बीच देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं।