केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के भारत बंद का सोमवार को विपक्ष ने समर्थन किया और कहा कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह अखंड है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण करने वाली सरकार को ये नहीं पसंद है, इसलिए आज भारत बंद है। राहुल के अलावा नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद का समर्थन करते हुये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिये लागू किये गये कृषि कानूनों के विरोध में पूरा देश अन्नदाताओं के साथ खड़ा है।

वाड्रा ने सोमवार को ट्वीट किया ‘‘खेत किसान का, मेहनत किसान की, फसल किसान की लेकिन भाजपा सरकार इन पर अपने खरबपति मित्रों का कब्जा जमाने को आतुर है।’’ उन्होंने दावा किया कि पूरा हिंदुस्तान किसानों के साथ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काले कानून को वापस लें। गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के विरोध में आज भारत बंद का आवाहन किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों को छोड़ कर समूचे राज्य में हालांकि बंद का कोई असर नहीं दिख रहा है।

कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा ने ट्वीट के माध्यम से लिखा ,भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों द्वारा कल बुलाए गए भारत बंद का समाजवादी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है। किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ले सरकार। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर आज को होने वाले किसानों के भारत बंद को समर्थन देने का एलान किया।

उन्होंने ट्वीट किया, केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं व कल (सोमवार) ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है जिसके शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन। उन्होंने आगे कहा कि साथ ही, केन्द्र सरकार से भी पुन: अपील है कि किसान समाज के प्रति उचित सहानुभूति व संवेदनशीलता दिखाते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस ले तथा आगे उचित सलाह-मशविरा व इनकी सहमति से नया कानून लाए ताकि इस समस्या का समाधान हो।

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया, अधिकारियों को कहा गया है कि वह भारत बंद को देखते हुए भ्रमणशील रहें। आमजन को कोई समस्या न हो पाए। जो भी कार्यक्रम हो उसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी जरूर कराएं। रेलवे, बस अड्डे पर सतर्कता बरतें। पश्चिमी यूपी के चप्पे चप्पे में कड़ी सुरक्षा रखी जाए। कहीं कोई शांति न बिगड़ने के आदेश दिए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बंद के दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है।
बंद के दौरान एंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज को नहीं रोका जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया था। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों के वापस लिए जाने तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।