अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा होते ही देश छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण ली हुई है। संकट में अपने लोगों को इस प्रकार छोड़कर भागे गनी की इस हरकत को संपूर्ण विश्व कायरता की नजरों से देख रहा है। इस बीच बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि भारत को अशरफ गनी को शरण देनी चाहिए।
लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भारत को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. गनी को भारत में रहने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। वह अपेक्षाकृत उच्च शिक्षित हैं और जब तालिबान अमेरिका के बनाए आधुनिक हथियारों के साथ पाक अधिकृत कश्मीर में घुसपैठ करेगा, तो वह भारत को भविष्य की प्रवासी अफघान सरकार बनाने में मदद कर सकते हैं।’
सुब्रमण्यम स्वामी देश के ऐसे पहले नेता नहीं है, जिन्होंने अफगानिस्तान को लेकर बात की हो। इससे पहले सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अफगान पर तालिबानियों के कब्जे की तुलना भारत के स्वतंत्रता संग्राम से कर दी। इतना ही नहीं पीस पार्टी के नेता शादाब चौहान ने तालिबानियों को फ्रीडम फाइटर तक कह दिया। वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने भी तालिबान का समर्थन किया।
बता दें कि तालिबानियों के काबुल के करीब आते ही अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए थे, जिसके बाद अफगानिस्तान में दो दशक बाद तालिबान का शासन लौट आया है। तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर आधिपत्य स्थापित करते ही अपना पूरा रूप दिखाना शुरू कर दिया है।
तालिबान राज लौटने के बाद अफगानिस्तान के लोग राष्ट्पति द्वारा देश छोड़ने पर बहुत आक्रोशित है। इतना ही नहीं अमेरिका तक ने भी कह दिया है कि अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए ऐसे नेता जिम्मेदार हैं, जो मुश्किल वक्त में भाग निकले।