निजीकरण के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर बिफरी कांग्रेस, BJP ने वार पर किया पलटवार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

निजीकरण के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर बिफरी कांग्रेस, BJP ने वार पर किया पलटवार

निजीकरण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि यह ऐसी सरकार है जो पूर्वजों की कमाई को बेचकर खाती है। इस पर, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि चीजों को सकारात्मक नजरिए से देखे जाने पर “बहुत कुछ” नजर आएगा।

राज्यसभा में निजीकरण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह ऐसी सरकार है जो पूर्वजों की कमाई को बेचकर खाती है। इसके साथ ही पार्टी ने केंद्र की सेंट्रल विस्टा परियोजना पर भी रोक लगाने की मांग की। इस पर, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि चीजों को सकारात्मक नजरिए से देखे जाने पर ‘‘बहुत कुछ’’ नजर आएगा। 
राज्यसभा में आम बजट 2021-22, जम्मू और कश्मीर विनियोग विधेयक और पुडुचेरी विनियोग विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर भी रोक लगाने की मांग की। विभिन्न सरकार उपक्रमों के विनियोग का विस्तृत विवरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वह बेटा ठीक नहीं होता जो बाप की कमाई संपत्ति को बेच कर खाता हो। बेच कर समृद्धि दिखाने से इस सरकार को बाहर निकलना होगा।’’ 
उन्होंने कहा कि बजट लोक कल्याण के लिए होता है और वह चुनावी भाषण नहीं होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विनियोग विधेयक में चुनावी राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है और उन्हें ‘‘लॉलीपोप’’ देने के जतन किए गए हैं। खाद की सब्सिडी कम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल किया कि आखिर सरकार का किसानों के प्रति नकरात्मक रवैया क्यों है। 
जम्मू एवं कश्मीर विनियोग विधेयक पर अपनी बात रखते हुए शक्ति सिंह गोहिल ने वहां से अनुच्छेद 370 हटाने का उल्लेख किया और पोरस के एक कथन का हवाला देते हुए कहा कि ताकत के बल पर किसी क्षेत्र पर कब्जा तो किया जा सकता है लेकिन वहां के लोगों का दिल जीते बगैर वहां शासन नहीं किया जा सकता। 
उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक सभी प्रधानमंत्रियों ने कश्मीर के लोगों के दिलों की जीतने की कोशिश की। पुडुचेरी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद का देश में सम्मान किया जाना चाहिए। तत्कालीन उपराज्यपाल किरण बेदी और वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री वी नारायाणसामी के बीच लंबे समय तक चली अधिकारों की लड़ाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलनजीवियों को एलजी बनाकर चुनी हुई सरकारों का अपमान नहीं किया जा सकता है।’’ 
कांग्रेस के आरोपों पर BJP का पलटवार
चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद देश में कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई और मनरेगा जैसी योजनाओं को कोष बढ़ाया गया है। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि सकारात्मक नजरिए से देखा जाए तो इस बजट में बहुत कुछ नजर आएगा। अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की ओर से जारी अनुमानों का जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि यह भारत के विकास को लेकर विश्व का सकारात्मक दृष्टिकोण दर्शाता है। 
बीजेपी नेता ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में लोकतंत्र जमीनी स्तर पर पहुंचा है और वहां एक बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। जिला विकास परिषद और ब्लॉक विकास परिषद के लिए आवंटित किए गए कोष का उल्लेख करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि वहां पहली बार ऐसा हुआ है कि जमीन पर पैसा पहुंच रहा है। उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को इसका ‘‘दर्द’’ है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिम्मत से कई पुराने दाग भी मिट गए। 
त्रिवेदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए वापमंथी या पूंजीवादी मॉडल देखने की जरूरत नहीं है भारत के लिए राष्ट्रवादी मॉडल ही काफी है। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबीदुरई ने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुई परिस्थितियों के बीच यह बजट आया है जिसमें विकास का दृष्टिकोण परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है और बजट में इसकी भी चिंता की गई है। उन्होंने वस्तु एंव सेवा कर की दर कम करने और पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा देने कर मांग की। 

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