धार्मिक गुरु दलाई लामा ने एक बच्चे को किस किया, जिसका वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ गई। इस बीच भारत में सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रशन (CTA) के टॉप लीडर पेनपा सेरिंग का कहना है कि तिब्बती लोग इस वायरल वीडियो लेकर लगाए गए आरोपों से बेहद आहत हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन के समर्थक दलाई लामा की छवि खराब करने की कोशिशों में जुटे हुए थे। चीन तिब्बत पर जबरन शासन कर रहा है। साथ ही साथ दुनिया में इसकी वैधता हासिल करने की कोशिश में लगा हुआ है।
वीडियो पर माफी मांगने के बाद सीटीए नेता का बयान

दलाई लामा की ओर से वायरल वीडियो पर माफी मांगने के बाद सीटीए नेता का बयान आया है। दरअसल, धार्मिक गुरु ने एक बच्चे को उनकी जीभ “चूसने” के लिए कहा था, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। विवाद बढ़ने के बाद बच्चे, उसके परिवार और दोस्तों से माफी मांगी थी। दलाई लामा ने बच्चे से कहा था कि उन अच्छे इंसानों को देखने के लिए कहा जो शांति और खुशियां लाते हैं। साथ ही साथ ये भी कहा था कि उन लोगों की तरफ बिल्कुल न देंखें जो दूसरे लोगों को मारते हैं।
जीभ के साथ जोवियल प्रैंक

दलाई लामा की इस बात की ओर इशारा करते हुए पेनपा सेरिंग ने कहा कि उनका स्नेह दादा की तरह था और जीभ के साथ “जोवियल प्रैंक” किया था। यह दूसरे लोगों के लिए मनोरंजन बन गया। इस मामले में न तो बच्चा शिकायत कर रहा है और न ही उसकी मां शिकायत की है। वायरल की जा रही वीडियो की जब जांचा गया तो इसके पीछे की मंशा चीन के समर्थक लोगों की दिखाई दी है।
प्रतिष्ठा और विरासत को खराब करने की कोशिश
पेनपा सेरिंग का कहना है कि दलाई लामा की छवि, प्रतिष्ठा और विरासत को खराब करने की कोशिश हुई है। इससे किसको फायदा होगा इसको लेकर स्पष्टीकरण देने की कोई जरूरत नहीं है। इस घटना में राजनीतिक साजिश को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं किया जा सकता है। धर्म गुरु बेदाग जीवन जीते हैं। 28 फरवरी को मैक्लोडगंज के मुख्य तिब्बती मंदिर सुगलगखांग में हुई इस घटना के वीडियो लोगों ने अलग-अलग तरीके से समझा है।